Depreciation Rate: क्या है मूल्यह्रास या डेप्रिसिएशन? वाहन बेचते समय ये शब्द होता है इस्तेमाल

Depreciation Rate: अगर आपने कभी कोई वाहन बेचा होगा, तो एक शब्द सुना होगा डेप्रिसिएशन, बहुत से लोगों को इसका अर्थ और इसके बारे में जानकारी नहीं होती। अगर आप भी इसके बारे में नहीं जानते, तो जरूर पढ़ें।

Updated On 2025-10-11 15:34:00 IST

डेप्रिसिएशन रेट।

Depreciation Rate: अगर आप वाहन के मालिक हैं, तो आपने कभी-ना-कभी मूल्यह्रास (Depreciation) का नाम ज़रूर सुना होगा। आसान शब्दों में कहें तो समय के साथ हर मशीन और वाहन की कीमत घटती जाती है। लेकिन इस क्लेम में एक ऐसा पार्ट होता है जिसे सभी समझ नहीं पाते वह है डेप्रिसिएशन।

डेप्रीसिएशन का मतलब है आपके बाइक की कीमत में समय के साथ होने वाली कमी। जब आपकी बाइक को नुकसान होता है, तो बीमा कंपनी आपको क्लेम देने से पहले बाइक के पार्ट्स पर लागू होने वाली डेप्रिसिएशन रेट घटा कर ही भुगतान करती है। लेकिन, आजकल इंश्योरेंस कंपनी जैसे कि ACKO general insurance ज़ीरो डेप्रिसिएशन कवर की सुविधा देती है जिससे आपको डेप्रीसिएशन की चिंता नहीं करनी पड़ती।

डेप्रिसिएशन क्या है और यह कैसे काम करता है?

हर गाड़ी की उम्र बढ़ने के साथ उसकी वैल्यू धीरे-धीरे कम होती जाती है। इसमें कई फैक्टर्स काम करते हैं – जैसे वाहन की आयु, रोज़ाना का उपयोग, समय-समय पर होने वाली टूट-फूट और उसका एक निश्चित उपयोगी जीवन। इसी आधार पर तय होता है डेप्रिसिएशन रेट।

सीधे शब्दों में कहें तो यह सोचा जाता है कि अगर आपकी बाइक को अभी के हालात में खुले बाजार में बेचा जाए, तो उसकी कितनी कीमत मिलेगी।

यही वजह है कि बाइक इंश्योरेंस क्लेम करते समय डेप्रिसिएशन का असर सीधे आपके मुआवज़े पर पड़ता है। जिन पार्ट्स को रिप्लेस करना पड़ता है, उनकी वजह से वाहन की कुछ वैल्यू घट जाती है और इंश्योरेंस कंपनी उतना ही कम पैसा चुकाती है।

मान लीजिए, आपकी बाइक के साइलेंसर को नुकसान हुआ है। अगर वह 2 साल पुराना है, तो उसकी कुछ वैल्यू कम हो जाएगी और उतनी राशि आपको क्लेम में कम मिलेगी। इसे ही बाइक इंश्योरेंस में डेप्रिसिएशन कहते हैं।

IDV क्या है?

IDV का मतलब है इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू, यानी आपकी बाइक की वह कीमत जिस पर इंश्योरेंस कंपनी आपको कुल नुकसान या चोरी की स्थिति में पैसे देगी। जब बाइक नई होती है, तब उसका IDV ज्यादा होता है। जैसे-जैसे समय बीतता है और बाइक पुरानी होती है, उसकी वैल्यू घटती जाती है। इंश्योरेंस कंपनी IDV निकालते समय बाइक की मार्केट प्राइस में से डेप्रिसिएशन काटती है।

डेप्रिसिएशन का असर सीधा IDV पर पड़ता है जितनी ज्यादा बाइक पुरानी, उतना IDV कम और क्लेम अमाउंट भी कम। हर साल बाइक की उम्र के हिसाब से तय प्रतिशत से डेप्रिसिएशन घटाया जाता है और IDV निकलता है।

IDV जितना ज्यादा होगा, प्रीमियम भी उतना ज्यादा होगा। इसलिए, सही IDV चुनना जरूरी है ताकि प्रीमियम भी ठीक रहे और नुकसान या चोरी पर पूरी वैल्यू मिल सके।

बाइक इंश्योरेंस के लिए डेप्रिसिएशन की दर

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा भारत में बाइक डेप्रिसिएशन की दरों को निर्धारित किया गया है। बाइक की उम्र के अनुसार उसके डेप्रिसिएशन की दर तय की जाती है जो इस प्रकार है:



इसके अलावा, IRDAI द्वारा बाइक के पार्ट्स के लिए भी डेप्रिसिएशन दर निर्धारित की गई है जो इस प्रकार है:


बाइक इंश्योरेंस डेप्रिसिएशन से कैसे बचा जाए?

बाइक इंश्योरेंस में डेप्रिसिएशन को कम करने का सबसे कारगर तरीका है ज़ीरो डेप्रिसिएशन कवर लेना। यह एक ऐसा ऐड-ऑन कवर होता है जिसे आप अपनी बाइक की इंश्योरेंस पॉलिसी में जोड़ सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि जब आप क्लेम करते हैं, तो आपकी बाइक के रिपेयर या पार्ट्स बदलने की पूरी कीमत आपको बिना किसी कटौती के मिलती है। यानी इंश्योरेंस कंपनी बाइक के पार्ट्स की उम्र के आधार पर कीमत कम नहीं करती।

ज़ीरो डेप्रिसिएशन कवर खासकर नई और महंगी बाइक के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि नई बाइक के पार्ट्स की कीमत ज्यादा होती है और उनके मूल्य में तेजी से गिरावट आती है। इस कवर के साथ आप अपनी जेब से ज्यादा खर्च नहीं करते, क्योंकि इंश्योरेंस कंपनी पूरी मरम्मत लागत या रिप्लेसमेंट की कीमत देगी।

हालांकि, ज़ीरो डेप्रिसिएशन कवर चुनने पर आपका प्रीमियम थोड़ा बढ़ जाता है, लेकिन यह अतिरिक्त खर्च आपकी सुरक्षा और बचत के लिहाज से सही साबित होता है। कई इंश्योरेंस कंपनी इस कवर को 5 साल तक ही उपलब्ध करवाती हैं, इसलिए नई बाइक लेने पर इसे जरूर लेना चाहिए।

डेप्रिसिएशन का बाइक इंश्योरेंस क्लेम पर प्रभाव

डेप्रिसिएशन का असर क्लेम पर सीधा पड़ता है। बाइक जितनी पुरानी होगी, क्लेम अमाउंट उतना कम मिलेगा। अगर कोई पार्ट बदलना पड़े, तो कंपनी उसकी पूरी कीमत नहीं देती बल्कि डेप्रिसिएशन घटाकर पैसा देती है। जैसे ₹5,000 के पार्ट पर 50% डेप्रिसिएशन हो तो आपको सिर्फ ₹2,500 मिलेंगे। इसी तरह, अगर पूरी बाइक डैमेज हो जाए तो क्लेम मौजूदा IDV पर मिलता है, न कि खरीद के समय की कीमत पर।

निष्कर्ष

समय के साथ आपकी बाइक और उसके पार्ट्स की कीमत घटती है, और इसी कारण क्लेम अमाउंट भी कम हो जाता है। लेकिन अगर आप ज़ीरो डेप्रिसिएशन कवर चुनते हैं, तो आपको रिपेयर और रिप्लेसमेंट की पूरी लागत मिल सकती है। थोड़े ज्यादा प्रीमियम के बावजूद यह कवर लंबी अवधि में आपके लिए बचत और सुरक्षा दोनों साबित होता है। इसलिए, अगली बार जब भी बाइक इंश्योरेंस लें, डेप्रिसिएशन और ज़ीरो डेप्रिसिएशन कवर पर जरूर ध्यान दें ताकि आपका सफर सुरक्षित और बेफिक्र बना रहे।

                                                                                                                                                       (Sponsored content)

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