Sheesh mahal: दिल्ली के शालीमार बाग के शीशमहल की बदली किस्मत, टूरिज्म के लिए शुरू

दिल्ली के शालीमार बाग में बना शीशमहल खंडहर हो चुका था, जिसे फिर से रेनोवेट किया जा चुका है। अब इसे पुन: टूरिस्ट के लिए खोल दिया गया।

Updated On 2025-07-15 20:30:00 IST
दिल्ली के शीशमहल का इतिहास 

Delhi sheesh mahal: देश की राजधानी में कई ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं। इन्हें देखने के लिए लोग देश-विदेश से आते रहते हैं। वैसे तो दिल्ली में अनेक देखने और घूमने लायक जगह हैं। परन्तु आज हम आपको दिल्ली के शालीमार बाग में बने शीशमहल के बारे में बता रहे हैं। पिछले 360 सालों से बंद पड़ी ये इमारत खंडहर हो चुकी थी। इसे रेनोवेट कर फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है।

बता दें कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के पूर्व आवास को भी शीशमहल के नाम से जाना जाता है। हालांकि ये वो महल नहीं है। ये शीशमहल नाम से एक फेमस आलीशान ऐतिहासिक इमारत है, जिसका नाम अब टूरिस्ट स्पॉट में जोड़ दिया गया है।

शीशमहल का इतिहास

इस शीशमहल के इतिहाल को देखें, तो इस ऐतिहासिक इमारत को 1653 में मुगल बादशाह शाहजंहा के राज में बनवाया गया था। साल 1658 में औरंगजेब का राज्याभिषेक भी इसी शीशमहल में किया गया था। यहीं पर औरंगजेब की ताजपोशी का उत्सव मनाया गया था। सैकड़ों सालों से बंद पड़ी इस इमारत की देखरेख नही होने के कारण इसकी हालात जर्जर हो चुकी थी।

हालांकि दिल्ली विकास प्राधिकरण और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसकी सुध लेकर मरम्मत कार्य करवा दिया है। इसके बाद अब इसे पहले की तरह सुंदर बना दिया गया है। ये इमारत 2 जुलाई 2025 को आम जनता के लिए खोल दी गई।

बता दें कि इस इमारत को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है। इस खूबसूरत इमारत में फूलों की नक्काशी और शीशे का काम किया गया था। अब इसे एक शाही बाग का हिस्सा बनाकर तैयार किया गया है।

17वीं सदी में हुआ निर्माण

शीशमहल का ऐतिहासिक महत्व ये है कि इसे मुगल बादशाह शाहजंहा ने अपनी बेगम अइज्जुन्निसा की याद में 17वीं सदी में बनवाया था। यह महल चारों ओर पेड़-पौधों से घिरे शालीमार बाग के अंदर बना हुआ है। इस महल का रिश्ता अंग्रेजों से भी रहा है। इसका इस्तेमाल दिल्ली में मौजूद अंग्रेजी अधिकारी भी करते थे। लेकिन बहुत समय से बंद और देखरेख ना होने के कारण आस-पास के बगीचे भी जर्जर हालात में हो चुके थे। परन्तु अब इसकी मरम्मत हो चुकी है और पर्यटक मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने औपचारिक रूप से इसे आम जनता के खोल दिया है। महल और इसके चारों ओर के मुगल कालीन बागों को संरक्षित धरोहर घोषित कर दिया है। 

क्या है खास?

इस महल की तीन ऐतिहासिक कुटीर और बारादरी का जीर्णोद्धार किया गया है। एक कुटीर में बुक कैफे, दूसरे कुटीर में खानपान की वस्तुएं और तीसरे कुटीर को आधिकारिक प्रयोजनों के उपयोग लिए तैयार किया गया है।

शीशमहल के खुलने का समय

अगर आप भी शीशमहल देखना चाहते हैं, तो बता दें कि इसके खुलने का समय सुबह 11:00 बजे से रात 9:00 बजे तक रखा गया है। हालांकि अभी इसकी टिकटिंग प्राइस को लेकर अधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नही दी गई है। 

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