Delhi Riots: शरजील-उमर खालिद की जमानत का विरोध, पुलिस बोली- 'जहां ज्यादा मुसलमान, वहां चक्काजाम का था प्लान'

Delhi Riots: दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत का विरोध किया। पुलिस ने कहा कि दंगों की तैयारी पहले से की गई थी।

Updated On 2025-11-18 20:00:00 IST

सुप्रीम कोर्ट में शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत याचिका।

Delhi Riots: आज 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली दंगा 2020 के आरोपी शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान पुलिस ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि 2020 में हुआ दिल्ली दंगा अचानक नहीं हुआ था बल्कि एक सुनियोजित और व्यवस्थित साजिश के तहत कराया गया था। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की पीठ के सामने दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जमानत याचिका का विरोध किया।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों के बाद सांप्रदायिक दंगे हुए। इसके पीछे एक सुविचारित योजना थी। उन्होंने कहा कि दंगे की तैयारी पहले से की गई थी। यह राष्ट्र की संप्रभुता पर हमला करने की साजिश थी। पुलिस का कहना है कि चक्का जाम सिर्फ दिल्ली के लिए ही नहीं बल्कि उन सभी शहरों में करने की योजना भी थी, जहां अधिक आबादी में मुस्लिम हैं।

उन्होंने बताया कि व्हाट्सऐप चैट से पता चलता है कि पहले से ही ये योजना थी कि संपत्ति को नुकसान पहुंचाकर पैसा जुटाया जाए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सांप्रदायिक घटना नहीं थी बल्कि समाज और देश को बांटने का प्रयास था। ASG एस वी राजू ने कहा आरोपी देवांगना कलिता को मिली जमानत को आधार बनाकर बाकी आरोपी भी राहत मांग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जमानत देने का फैसला एक त्रुटिपूर्ण है। उन्होंने तथ्यों को ध्यान से नहीं देखा। उन्होंने ये भी कहा कि आरोपियों के कारण मुकदमे में देरी हुई। इसलिए वे देरी को आधार बनाकर अपनी जमानत की मांग नहीं कर सकते। सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 21 नवंबर के लिए अगली सुनवाई तय की है। इस दौरान दंगों की स्वतंत्र विशेष जांच टीम (एसआईटी) जांच और कथित हेट स्पीच के लिए नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, साथ ही दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

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