Operation Cyber Hawk: 1000 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश... 700 अपराधी अरेस्ट, दिल्ली पुलिस का बड़ा एक्शन
Operation Cyber Hawk: दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ मेगा ऑपरेशन चलाया, जिसमें 700 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही पुलिस ने 1000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता लगाया।
दिल्ली पुलिस ने 700 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Delhi Police Operation Cyber Hawk: दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। साइबर अपराध के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अलग-अलग जिलों की टीमों ने मिलकर 'ऑपरेशन साइबर हॉक' शुरू किया। यह ऑपरेशन पूरे 48 घंटे तक चला। इसमें 700 से ज्यादा साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। साथ ही 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी का पता लगाया गया।
अधिकारियों के अनुसार, यह ऑपरेशन धोखाधड़ी, फिशिंग, फर्जी ग्राहक सेवा घोटाला, निवेश धोखाधड़ी और डिजिटल भुगतान में चोरी करने वाले संगठित साइबर नेटवर्क के खिलाफ चलाया गया। दिल्ली पुलिस के इस ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली है। जिला पुलिस यूनिट्स और आईएफएसओ (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
1000 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शुरुआती जांच में 1,000 करोड़ रुपये के संदिग्ध और धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता चला। यह एक बड़े ठगी नेटवर्क की ओर इशारा कर रहा था, जिसे अलग-अलग जगहों से चलाया जा रहा था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीमों ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में छापेमारी की, जिसमें संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया। इसके अलावा डिजिटल उपकरण जब्त किए गए और जाली दस्तावेज भी बरामद किए गए। साथ ही पीड़ितों के पैसे निकालने में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों की पहचान की गई।
आगे भी जारी रहेगा ऑपरेशन
सीनियर अधिकारियों ने बताया कि यह ऑपरेशन आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा, क्योंकि ज्यादा डिजिटल सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है और पूरे भारतीय में फैले सिंडिकेटों से लिंक का पता लगाया जा रहा है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने साउथ दिल्ली के सतबारी गांव से चलाए जा रहे एक इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में पुलिस ने एक महिला सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया था। उन पर एक आवासीय भवन से बड़े पैमाने पर अवैध कॉल सेंटर चलाने और वीओआईपी-आधारित कॉलिंग सेटअप, विदेशी डेटाबेस और जाली संचार उपकरणों का उपयोग करके विदेशी नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप है।
अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह शानू नाम के एक वांटेड अपराधी द्वारा चलाया जा रहा था, जो पहले भी अवैध गतिविधियों में शामिल रहा है। वह छापेमारी से कुछ देर पहले ही फरार हो गया था और अभी भी फरार है। उसकी तलाश के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है।
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