Murder Case: 16 साल से फरार हत्यारोपी गिरफ्तार, लोहे के बक्शे में मिली थी सिरकटी लाश

Murder Case: दिल्ली पुलिस ने 16 साल पहले हुई हत्या मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि उसने मुख्य आरोपी के साथ मिलकर एक व्यक्ति की हत्या कर उसके शव के टुकड़े कर बक्शे में बंद करके फेंक दिया था।

Updated On 2025-11-10 17:24:00 IST

16 साल बाद हत्यारोपी गिरफ्तार।

Murder Case: दिल्ली पुलिस ने 16 साल पुराने हत्या मामले में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में एक आरोपी पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। बता दें कि साल 2009 में दिल्ली के बिंदापुर इलाके में एक लोहे के बक्शे में एक व्यक्ति की सिरकटी लाश मिली थी। मृतक की पहचान हरीशचंद उर्फ बबलू के रूप में हुई थी। पुलिस लंबे समय से हत्यारोपी को पकड़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन ये मामला सालों बाद भी अनसुलझा रहा। हालांकि अब लगभग 16 साल बाद पुलिस ने एक मुख्य आरोपी को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के अनुसार, 5 जनवरी 2009 को बिंदापुर में बक्से में एक सिरकटी लाश मिली थी। जांच में पता चला कि मृतक हरीश चंद का उसके रिश्तेदार बनारसी लाल से विवाद चल रहा था। ये विवाद पैसों को लेकर था, जो हरीश की मौत का कारण बना। इसी विवाद के कारण बनारसी लाल ने अपने दोस्त आशिक अली के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद उन्होंने लाश के टुकड़े किए और फिर सिर को अलग जगह पर और शरीर को अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया, ताकि मृतक की पहचान न हो सके।

मुख्य आरोपी बनारसी लाल को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। लेकिन उसका साथ आशिक अली पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। साल 2011 में पुलिस ने आशिक अली को भगोड़ा घोषित कर दिया। इसके बाद से वो देश के अलग-अलग शहरों में जाकर अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था। हालांकि दिल्ली पुलिस इस मामले में आरोपी की लगातार तलाश कर रही थी। पुलिस ने निगरानी, पुराने संपर्क और फील्ड इनपुट के आधार पर आशिक को गुजरात के सूरत में ट्रेस किया। वो यहां अपनी पहचान बदलकर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ शांति से अपनी जिंदगी जी रहा था। पुलिस ने सूरत में छापेमारी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और दिल्ली ले आई।

पुलिस ने आरोपी से पूछताछ ती, तो शुरुआत में तो उसने आनाकानी की लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि पैसों की बहस इतनी बढ़ी कि मामला हत्या तक पहुंच गया। इसके बाद गिरफ्तारी के डर से आरोपी अपनी पहचान बदलकर अलग-अलग जगहों पर रहता रहा।

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