Delhi Pollution: प्रदूषण के कारण 80 फीसदी लोग छोड़ना चाहते हैं दिल्ली, गंभीर स्वास्थ्य संकट से डरे लोग!

दिल्ली में बढ़तके प्रदूषण के कारण एक सर्वे किया गया है। इस सर्वे में पाया गया है कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लगभग 80 फीसदी लोग गंभीर स्वास्थ्य संकट के कारण बाहर जाना चाहते हैं।

Updated On 2025-11-28 18:40:00 IST

दिल्ली प्रदूषण का सर्वे।

Delhi Pollution Survey: दिल्ली में प्रदूषण की क्वालिटी का स्तर लगातार 'बेहद खराब' कैटेगरी में बना हुआ है। कई बार प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में भी पहुंच जाता है। दिल्ली की खराब हवा का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत, खांसी, आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक सर्वे के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के 80 फीसदी से ज्यादा लोग इन बीमारियों से जूझ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा बच्चों और बुजुर्गों का हाल खराब है। ये रिपोर्ट Smytten PulseAI सर्वे में सामने आई है।

सर्वे के अनुसार, पिछले 1 साल में लगभग 68.5 फीसदी लोगों ने प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के लिए डॉक्टरों और विशेषज्ञों से सलाह ली है। इन आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में वायु प्रदूषण अब सिर्फ एक मौसम का मुद्दा नहीं रह गया है। ये एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन चुका है।

घर से बाहर नहीं निकलना चाहते लोग

दिल्ली की हवा इतनी ज्यादा खराब हो चुकी है कि लोग घर से बाहर निकलने से कतराने लगे हैं। वहीं 76.4 प्रतिशत लोगों ने रोजमर्रा की बाहरी गतिविधियां काफी कम कर दी हैं। वहीं बहुत से परिवारों ने अपने बच्चों और बुजुर्गों का घर से निकलना कम करा दिया है। धुंध और बदबू भरी हवा के कारण लोगों को खासी परेशानी हो रही है।

विकल्प तलाशने शुरू

इस सर्वे में सामने आया है कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लगभग 80 फीसदी लोग दिल्ली-एनसीआर को छोड़ने की योजना बना रहे हैं। 33.6 फीसदी लोग गंभीरता से जाने की सोच रहे हैं। वहीं लगभग 15 फीसदी निवासी दूसरे शहरों में बस चुके हैं। कई परिवारों ने तो घर देखना, बच्चों के स्कूल ढूंढना, नए शहरों में विकल्प तलाशना भी शुरू कर दिया है। हालांकि रोज के कमाने, खाने और किसी मजबूरीवश दिल्ली में रह रहे लोग दिल्ली-एनसीआर छोड़ना तो चाहते हैं लेकिन उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इसके कारण वे कुछ महीनों या हमेशा के लिए दिल्ली छोड़ने या कहीं जाने के बारे में चाहते हुए भी विचार नहीं कर पा रहे हैं। 

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