Namo Bharat Corridor: RRTS कॉरिडोर पर पानी जमा करने की योजना, जल संग्रहण के लिए बनाए गए 900 पिट्स
Pits on Namo Bharat Corridor: दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर पर जल एकत्रित करने के लिए योजना बनाई जा रही है। इसके लिए 900 पिट्स बनाए गए हैं।
आरआरटीएस कॉरिडोर पर जल संयत्र योजना शुरू
Pits on Namo Bharat Corridor: दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर पर जल संचयन की योजना बनाई जा रही है। 82 किमी लंबे इस करिडोर पर बारिश के पानी को जमा करने के लिए 900 पिट्स (जल संचयन संरचनाओं या रिचार्ज पिटस) बनाए जाएंगे।
ये पिट्स कॉरिडोर के एलिवेटेड हिस्से में वायाडक्ट स्पैन के नीचे सड़क डिवाइडर वाले भाग में बनाए गए हैं। स्टेशनों के प्रवेश-निकास द्वारों पर वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए गए हैं। वर्षाजल का कैचमेंट वायाडक्ट और स्टेशनों की छतों पर किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, इन पिट्स का व्यास 2 मीटर और गहराई 2.5 मीटर है। हर पिट में लगभग 6500 लीटर जल संयत्र करने की क्षमता है। वायडक्ट के नीचे बनाए गए पिट की लंबाई और चौड़ाई 2.9 मीटर है। पिट में लगभग 8700 लीटर वर्षा जल संयत्र किया जा सकता है।
बता दें कि वर्षा जल संयत्र के लिए स्पैन के नीचे पिलर्स के पास आमने-सामने दो छोटे वाटर चैंबर बनाए गए हैं। इन्हें पाइप के जरिए ऊपर वायाडक्ट से जोड़ा गया है। बारिश के दौरान वायडक्ट के जरिए पाइपों की मदद से पानी पानी पहले दोनों चैंबर में जाएगा। इसके बाद पिट्स के जरिए जमीन के अंदर चला जाएगा। इन पिट्स में पानी को फिल्टर करने के लिए रोड़ी और बालू के तीन परत वाले फिल्टर बनाए जा रहे हैं।
इसके अलावा ट्रेनों के रखरखाव के लिए दो डिपो बनाए जा रहे हैं। इनमें से एक डिपो गाजियाबाद के दुहाई में, तो दूसरा मेरठ के मोदीपुरम में बनाए जा रहे हैं। दुहाई में पहले ही डिपो का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है और वर्तमान समय में कॉरिडोर पर ट्रेनों का परिचालन और प्रबंधन इसी डिपो से किया जा रहा है।
दुहाई में बारिश के पानी को जमा करने के लिए 20 पिट्स बनाए गए हैं। इसके अलावा यहां पर दो बड़े तालाब भी बनाए जा रहे हैं। इन तालाबों की गहराई 4 से 5 मीटर है और इनके तलों में पिट्स बनाए गए हैं।