Delhi Land Registry: दिल्ली में लैंड रजिस्ट्री कराना हुआ आसान, इन दस्तावेजों की नहीं होगी जरूरत

Delhi Land Registry: दिल्ली में अब जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया पहले से काफी आसान हो गई है। सरकार ने लोगों की सहूलियत के लिए प्रक्रिया में बदलाव किए हैं।

Updated On 2025-08-08 11:55:00 IST

दिल्ली सरकार ने लैंड रजिस्ट्री के नियमों में किया बदलाव।

Delhi Land Registry Rules: दिल्ली सरकार ने लैंड रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव किया है। सीएम रेखा गुप्ता की सरकार ने नियमों में सुधार करते हुए लैंड रजिस्ट्री की प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया है। अब ज्यादातर मामलों में जमीन की रजिस्ट्री के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) और जमीन की स्टेटस रिपोर्ट (एलएसआर) देने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ कुछ मामलों में ही एनओसी और एलएसआर की जरूरत पड़ेगी। इससे रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया में कागजी कार्रवाई में कम समय लगेगा।

सीएम रेखा गुप्ता ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कुछ महीनों में देखा गया कि दिल्ली के लोगों को पटवारी, तहसीलदार, एसडीएम और डीएम ऑफिस में जमीन या राजस्व से जुड़े मामलों में काफी परेशानी हो रही है। जिन जगहों पर एनओसी की जरूरत नहीं है, उसके लिए भी एनओसी लेने के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है। ऐसे में जमीन की रजिस्ट्री को लेकर बदलाव किए गए हैं।

खरीदार जांच सकेंगे जमीन की स्थिति

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहना है कि अब सब-रजिस्ट्रार सिर्फ भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1908 के तहत तय शर्तों और नियमों के आधार पर ही दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन करेंगे। इस बदलाव के तहत 'खरीदार सावधान' खंड भी लागू किया जाएगा, जिसमें जमीन की स्थिति और स्वामित्व की जांच की जिम्मेदारी खरीदार पर होगी। जमीन से जुड़ी जानकारी रेगुलर सरकारी पोर्टल पर अपडेट की जाएगी।

फर्जी धोखाधड़ी से होगा बचाव

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि इस बदलाव के साथ ही धोखाधड़ी से बचाव के विशेष उपाय भी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामसभा, वन-भूमि अधिग्रहण, अधीन या निषिद्ध श्रेणी की भूमि को सुरक्षित किया जाएगा और फर्जी लेन-देन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने बताया कि इसके लिए जीआईएस प्रणाली और पटवारी नेटवर्क के माध्यम से निगरानी को मजबूत किया जाएगा।

सिर्फ इन मामलों में जरूरी होगा एनओसी

दिल्ली सरकार की ओर से लैंड रजिस्ट्री के नियमों में किए गए बदलावों के तहत कुछ मामलों में एनओसी और एलएसआर की जरूरत होगी। नए नियमों के तहत दिल्ली लैंड ट्रांसफर अधिनियम, 1972 की धारा 8 और ईस्ट पंजाब होल्डिंग्स अधिनियम (चकबंदी और विखंडन की रोकथाम), 1948 की धारा 30 में एनओसी और एलएसआर की जरूरत होगी।

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