Al Falah University: दिल्ली ब्लास्ट केस में ED की कार्रवाई, अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी गिरफ्तार

Delhi Lal Quila Blast: ईडी ने अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। सिद्दीकी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है।

Updated On 2025-11-19 11:45:00 IST

अल-फलाह यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स-VC में बवाल। 

Delhi Lal Quila Blast: दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद जांच एजेंसियों का अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर शिकंजा कसता चला जा रहा है। ED की ओर से भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई है। कार्रवाई के दौरान अल-फलाह ग्रुप के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी को ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया है। ED की तरफ से PMLA के तहत ECIR जांच के दौरान अल-फलाह ग्रुप से जुड़ें ठिकानों पर तालाशी के दौरान सबूत इकट्ठा किए गए हैं। सबूतों की गहन जांच के आधार पर सिद्दकी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है।

क्राइम ब्रांच की FIR पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 2 FIR दर्ज की थी। इन FIR के आधार पर ही ED ने अल फलाह समूह के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। FIR में आरोप लगाया गया है कि फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने अपने स्वार्थ के लिए छात्रों, अभिभावकों और हितधारकों को धोखा देने के इरादे से NAAC मान्यता के झूठे वादे किए हैं।

FIR में यह भी कहा गया है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 12(B) के तहत UGC मान्यता का झूठा दावा किया है। यूनिवर्सिटी का उद्देश्य गलत तरीके से लाभ लेकर छात्रों, अभिभावकों और आम जनता को नुकसान पहुंचाना है।

ED ने जांच में क्या पाया?

UGC का कहना है कि कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने केवल सेक्शन 2(F) के तहत एक स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटी के रूप में सूचीबद्ध है। उसने कभी भी 12(B) के तहत मान्यता के लिए आवेदन नहीं किया है। अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट को धर्मार्थ ट्रस्ट डीड द्वार साल 1995 में स्थापित किया गया था। उस दौरान जवाद अहमद सिद्दीकी को पहले ट्रस्टियों में से एक और प्रबंध ट्रस्टी के तौर पर रखा गया। सभी शैक्षणिक संस्था,यूनिवर्सिटी और कॉलेज इस ट्रस्ट के अंडर हैं।

वित्तीय मामलों से जुड़ा पूरा प्रबंध जवाद अहमद सिद्दीकी द्वारा कंट्रोल किया जाता है। लेकिन ED की जांच में सामने आया कि ट्रस्ट के पैसों को परिवार की कंपनियों में डायवर्ट किया गया, निर्माण और कैटरिंग के ठेके जावेद सिद्दीकी की पत्नी-बच्चों की कंपनियों को दिए गए। इसके अलावा पैसों का गलत लेन देन और नियमों का उल्लंघन की जैसे सबूत सामने आए हैं। सिद्दकी पर आरोप है कि उन्होंने अपराध से कमाए गए पैसों को छिपाया है। जिसके बाद ईडी ने सबूतों के आधार सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया है।

13 दिन रिमांड पर

गिरफ्तारी के बाद जवाद अहमद सिद्दीकी को साकेत कोर्ट में पेशी किया गया, जिसके बाद सिद्दीकी को 13 दिन की प्रवर्तन निदेशालय रिमांड में भेजा गया है। ED द्वारा 13 दिन तक सिद्दकी से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ की जाएगी। ताकि इसमें शामिल दूसरे आरोपियों के बारे में पता लग सके।  

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