Delhi Cyber Fraud: दिल्लीवालों ने इस साल साइबर ठगी में गंवाए 1000 करोड़, देखें ये रिपोर्ट
Delhi Cyber Fraud: दिल्ली में साइबर ठगी के मामले अकसर सामने आते रहते हैं। दिल्ली पुलिस ने बताया कि साल 2025 में साइबर ठगों ने दिल्लीवासियों को 1,000 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया है।
दिल्लीवासियों से साइबर ठगों ने इस साल ठगे 1,000 करोड़। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Delhi Cyber Fraud Report: राजधानी दिल्ली में आए दिन साइबर ठगी के मामले सामने आते रहते हैं। इसी बीच दिल्ली पुलिस ने हैरान करने वाले आंकड़े पेश किए हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार, साल 2025 में साइबर ठगों ने अभी तक दिल्लीवासियों को 1,000 करोड़ रुपये का चूना लगााया है। इनमें निवेश घोटाले से लेकर डिजिटल अरेस्ट और बॉस घोटाले जैसे साइबर अपराध शामिल हैं। इन ठगी के मामलों में दिल्ली पुलिस की ओर से भी कड़ी कार्रवाई की गई है।
पुलिस ने कड़ी मेहनत और डिजिटल निगरानी की मदद से ठगी का 20 फीसदी हिस्सा बैंक खातों में रोकने में सफल रहे हैं। यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले दोगुनी है। डीसीपी (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) विनीत कुमार ने बताया कि पिछले साल साइबर ठगों ने लगभग 1,100 करोड़ रुपये की ठगी की थी। इसमें से सिर्फ 10 फीसदी राशि बैंक खातों में रोकने में सफलता मिली थी।
इन 3 तरीकों से ही रही ठगी
साइबर ठग ने इस साल लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए 3 तरीकों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया है। इनमें निवेश घोटाला, डिजिटल अरेस्ट और बॉस घोटाला शामिल है।
बॉस घोटाला: साइबर ठग बॉस घोटाले से आम लोगों को डराकर अपने जाल फंसाते हैं। इसमे धोखेबाज किसी बड़े अधिकारी का रूप में बात करके कर्मचारियों को निशाना बनाते हैं। आरोपी साइबर ठग कंपनी अधिकारी बनकर कॉर्पोरेट कर्मचारियों को फर्जी मैसेज भेजकर रुपये ऐंठते हैं।
निवेश घोटाला: इसमें धोखेबाज सोशल मीडिया पर महिलाओं की प्रोफाइल बनाकर पीड़ितों को आकर्षक रिटर्न का लालच देते हैं। इसके बाद ज्यादा रिटर्न का वादा करके उन्हें ऑनलाइन ग्रुप में शामिल करते हैं। शुरुआत में साइबर ठग निवेशों पर नकली लाभ दिखाते हैं, जिससे पीड़ित ज्यादा रकम निवेश करने को तैयार हो जाते हैं।
डिजिटल अरेस्ट: इसमें साइबर ठग को खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर पीड़ितों को डराते-धमकाते हैं। इसके बाद उनसे पैसे ऐंठते हैं।
बैंकों के साथ मिलकर काम कर रही पुलिस
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्लीवासी हर महीने लगभग 100 करोड़ रुपये साइबर ठगी में गंवा रहे हैं। साइबर ठगी के ज्यादातर मामलों में दूसरे देशों ने गिरोह संचालित करके घोटाले को अंजाम दिया जाता है। हालांकि ठगी के लिए इस्तेमाल किए गए भारतीय बैंक खाते का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में दिल्ली पुलिस बैंकों के साथ मिलकर काम कर रही है, जिससे पीड़ित द्वारा शिकायत मिलने पर बैंक अधिकारियों के सहयोग से धोखाधड़ी वाली राशि को रोका जा सके। इसके बाद कोर्ट के आदेश के बाद पीड़ितों को पैसा वापस दिलाया जाता है।
विदेश से चल रहे साइबर गिरोह
डीसीपी विनीत कुमार ने बताया कि इन दिनों धोखेबाज दूसरे देशों जैसे कंबोडिया, लाओस और वियतनाम और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से गिरोह का संचालन करते हैं। इन देशों में बैठे चीनी संचालकों बड़े स्तर पर दुनिया भर के लोगों को अपना निशाना बनाते हैं। ये साइबर ठग भारत में स्थित धोखेबाज चोरी के धन को वैध बनाने के लिए नकली बैंक खाते और सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।
अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें। हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए haribhoomi.com के साथ।