Cough Syrup Tragedies: 5 बड़ी घटनाएं, जब खांसी की दवा ने छीन ली मासूमों की सांसें
Cough Syrup Tragedies: मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत की घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। नीचे पढ़ें 5 ऐसी बड़ी त्रासदी के बारे में...
कफ सिरप से मासूमों की मौत की 5 बड़ी घटनाएं।
Cough Syrup Tragedies: भारत में एक बार फिर कफ सिरप के कारण कई मासूम बच्चों की जिंदगियां छिन गई हैं। सितंबर महीने की शुरुआत से लेकर अभी तक 15 से ज्यादा बच्चों नें कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने के कारण दम तोड़ दिया है। इस कफ सिरप की वजह से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 16 बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं, वहीं, राजस्थान के भरतपुर और सीकर में 1-1 बच्चे की मौत हो चुकी है। इनमें ज्यादातर बच्चों की उम्र 5 साल से कम हैं।
इन घटनाओं के बाद राज्य सरकारों ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर बैन लगाने का आदेश दिया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब कफ सिरप ने मासूम बच्चों की सांसें छीनी हों। इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जब कफ सिरप कई बच्चों के मौत की वजह बनी।
गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत, 2022
साल 2022 में पूरी दुनिया में दूषित कफ सिरप ने हाहाकार मचा दिया था। इस साल पूरे विश्व में 300 से ज्यादा मासूमों ने अपनी जान गंवाई थी। इनमें से सबसे ज्यादा 66 मौतें गाम्बिया में हुई थीं। गाम्बिया में जान गंवाने वाले बच्चों ने जो कप सिरप पिया था, वो भारत में बनाए गए थे। इसमें जानलेवा केमिकल, डाइएथिलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल किया गया था। जांच में पता चला था कि कफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा ज्यादा थी। इस त्रासदी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषणा की थी कि गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत भारत में बने मेडेन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा बनाई गई कफ सिरप से हुई है।
उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत, 2022
साल 2022 में ही उज्बेकिस्तान में भी कफ सिरप के कारण मासूमों ने अपनी जान गंवाई थी। उस दौरान उज्बेकिस्तान में भारत में बने कफ सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई थी। ये सिरप नोएडा स्थित कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा बनाई गईं थी। जांच में दोषी पाए जाने पर कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था।
जम्मू-कश्मीर में 17 बच्चों की मौत
साल 2020 में जम्मू और कश्मीर में कप सिरप में मिलावट के कारण बड़ी त्रासदी हुई थी। जम्मू-कश्मीर के रामनगर में कोल्डबेस्ट-पीसी कफ सिरप पीने के कारण 17 बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में जांच करने पर पता चला कि जिस कफ सिरप के सेवन से मासूम की मौत हुई थीं, उसमें 34.97 फीसदी डाइएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया था। इस दूषित कफ सिरप को पीने के कारण दो महीने से 6 साल की उम्र के कुल 12 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो गई थी। यह घटना दिसंबर 2019 से जनवरी 2020 के बीच हुई थीं।
दिल्ली में हुई थीं 3 मौतें
राजधानी दिल्ली में कफ सिरप पीने से 4 साल से कम उम्र के 3 बच्चों की मौत हो गई थी। ये घटना साल 2021 में हुई थी। इन बच्चों को डेक्सट्रोमेथोर्फन हाइड्रोब्रोमाइड कफ सिरप दिया गया था, जिसके कारण मासूमों ने अपनी जान गंवाई थी। ये सिरप दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लिनिक में बच्चों को दिया गया था। इसके बाद से ही इस कफ सिरप को 5 साल से कम उम्र के बच्चों को देने पर रोक लगा दी गई थी।
मध्य प्रदेश-राजस्थान में 15 से ज्यादा मौतें
हाल ही में कफ सिरप पीने के कारण कई बच्चों की मौत हो गई। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 16 मासूमों ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने की वजह से अपनी जान गंवा दी है। इसके अलावा राजस्थान में 2 बच्चों की मौत हो चुकी है। ये मौतें श्रीसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ सिरप पीने की वजह से हुई हैं। इसमें 48.6 फीसदी डाइएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है, जो एक ऐसा केमिकल है, जो किडनी फेल होने का कारण बनता है।
पैरेंट्स ध्यान रखें इन बातों का ध्यान
इन सभी घटनाओं के बाद कफ सिरप को लेकर सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से उचित कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि बच्चों के माता पिता को भी कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए। डॉ. सुधीर कुमार एमडी डीएम (नेफ्रो.) के अनुसार, बच्चों को कफ सिरप की जरूरत बहुत कम पड़ती है। इससे रिकवरी कोई फर्क नहीं पड़ता।
डॉ. सुधीर कुमार ने सलाह दी कि माता-पिता को सिर्फ विश्वसनीय और नियंत्रित स्रोतों से ही दवाइयां खरीदनी चाहिए। इसके अलावा अगर सिरप लेने के बाद बच्चे को उल्टी, भ्रम या पेशाब कम आने की समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने से किडनी की चोट जानलेवा हो सकती है, लेकिन अगर जल्दी पता चल जाए, तो इसका इलाज किया जा सकता है।
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