Ghaziabad News: गाजियाबाद के 37 हजार ई-रिक्शा और ऑटो पर लगेंगे QR कोड और कलर स्टिकर, जानें फायदा
गाजियाबाद शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए करीब 37 हजार ई-रिक्शा और ऑटो पर क्यूआर कोड और कलर स्टिकर लगाए जाएंगे। इसके जरिए ट्रैफिक पुलिस भी इन वाहनों पर नजर रख सकेगी।
गाजियाबाद के 37 हजार ई-रिक्शा,ऑटो पर QR कोड और कलर स्टिकर लगेंगे।
Ghaziabad news: गाजियाबाद शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यहां यातायात व्यवस्था में सुधारने के लिए करीब 37 हजार ई-रिक्शा और ऑटो पर क्यूआर कोड और कलर स्टिकर लगाए जाएंगे। बता दें कि इस व्यवस्था के पहले चरण में 200 क्यूआर-कोड लगाने की प्रक्रिया को पूरा किया गया है। एडिशनल सीपी कानून व्यवस्था और ट्रैफिक आलोक प्रियदर्शी ने जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ये मुहिम शुरू की गई है। इसी के साथ यातायात के दौरान होने वाली परेशानियों का भी हल निकाला जाएगा।
आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि गाजियाबाद में वर्तमान में करीब 26,570 ई-रिक्शे रजिस्टर्ड हैं। इनमें से अधिकांश रिक्शा चालकों के पास उनका विशेष परमिट नहीं है। इसके तहत संभागीय परिवहन द्वारा इनका रूट निर्धारित नहीं किया जाता। जिस कारण रोड पर भारी जाम, एक्सिडेंट जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रोड पर आम जनता के चलने की जगह नहीं बची है। एडिशनल सीपी कानून व्यवस्था ने बताया कि पहले चरण का शुभारंभ सोमवार को नगर जोन में संचालित 200 रिक्शा पर क्यूआर कोड लगाकर किया गया है।
पुलिस एक्ट, मोटर वाहन अधिनियम के तहत पुलिस को सड़क की व्यवस्था को बनाने का अधिकार है। जिसके तहत इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। पुलिस उपायुक्त ग्रामीण/ यातायात के आदेशानुसार शहर के ई-रिक्शा चालकों को 5 जोन में विभाजित कर कलर स्टिकर और क्यू-आर कोड प्रणाली लागू की गई है। इन पांच जोन के अंदर ई-रिक्शा और ऑटो के लिए अलग-अलग रंग के स्टीकर लगाए जाएंगे।
पांच जोन और उनके रंग
- सिटी जोन के लिए लाल रंग निर्धारित किया गया है।
- ट्रांस हिंडन जोन के लिए हरा रंग निर्धारित किया गया है।
- साहिबाबाद जोन के लिए नीला रंग निर्धारित किया गया है।
- लोनी जोन के लिए पीला रंग निर्धारित किया गया है।
- मोदीनगर जोन के लिए नारंगी रंग निर्धारित किया गया है।
क्या लाभ होगा
- इन पर लगे क्यू-आर कोड को स्कैन कर चालक और मालिक के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
- यात्रियों द्वारा फीडबैक के आधार पर रेटिंग प्रणाली लागू होगी।
- इस सिस्टम से रिक्शे के जोन के बारे में पता लगाया जा सकेगा।
- वाहनों में होने वाले अपराधों पर रोक लगाई जाएगी।
- यूनिक नंबर की शिकायत होने पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
- आपराधिक रिक्शा और चालकों की पहचान कर उन पर नियंत्रण किया जाएगा।