Arvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल को 10 दिन में मिलेगा सरकारी बंगला, दिल्ली HC में बोली सरकार

Arvind Kejriwal: आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को 10 दिनों के अंदर सरकारी बंगला आवंटित कर दिया जाएगा। इसकी जानकारी केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में दी।

Updated On 2025-09-25 15:00:00 IST

अरविंद केजरीवाल को 10 दिन में मिलेगा सरकारी बंगला।

Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को जल्द ही सरकारी बंगला अलॉट किया जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने बताया कि 10 दिनों के अंदर अरविंद केजरीवाल को एक उचित सरकारी आवास आवंटित कर दिया जाएगा। हाईकोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार ने यह जानकारी दी।

सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है। जल्द ही केजरीवाल को कानून के अनुसार सरकारी आवास दे दिया जाएगा। दरअसल, आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिसमें अरविंद केजरीवाल के लिए राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर सरकारी बंगले की मांग की गई थी।

क्या बोला दिल्ली हाईकोर्ट?

दिल्ली हाईकोर्ट ने 'आप' चीफ अरविंद केजरीवाल के लिए सरकारी बंगले के आवंटन की समीक्षा की। कोर्ट ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बयान के रिकॉर्ड के आधार पर आदेश पारित किया जाएगा। वहीं, केजरीवाल की ओर से पेश एडवोकेट राहुल मेहरा ने कहा कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि 'आप' चीफ को किस प्रकार का बंगला आवंटित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पहले जो आवास उपलब्ध कराया गया था, उस पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता है। एडवोकेट मेहरा ने दलील दी कि अरविंद केजरीवाल टाइप 7 या टाइप 8 बंगले के हकदार हैं। सरकार उन्हें टाइप 5 में डाउनग्रेड नहीं कर सकती। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में उचित आदेश पारित किया जाएगा। अदालत ने मंत्रालय की कार्यप्रणाली में सुधार करने पर जोर दिया। यह सिर्फ राजनेताओं के लिए ही नहीं, बल्कि गैर-राजनेताओं के लिए भी है।

क्या है पूरा मामला?

इससे पहले 16 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से केजरीवाल को बंगला आवंटित करने के मामले में फैसला लेने में देरी के लिए आलोचना की थी। कोर्ट ने कहा था कि सरकार का रवैया सबके लिए एक मुक्त व्यवस्था जैसा है। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि सरकारी आवास का आवंटन एक पारदर्शी प्रणाली द्वारा की जाएगी। अधिकारियों के मनमाने तरीके से सरकारी आवास का आवंटन नहीं किया जा सकता है।

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