जग पर जगहंसाई: 32 हजार कीमत डालने वाली कंपनी ही निकली फर्जी, रायपुर में ऐसी कोई फर्म ही नहीं
छत्तीसगढ़ में इन दिनों 32 हजार रुपए में एक जग सप्लाई करने का मामला चर्चा में है।
File Photo
गिरीश केशरवानी/मनोज नायक- रायपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों 32 हजार रुपए में एक जग सप्लाई करने का मामला चर्चा में है। सरकार सफाई दे रही है और विपक्ष हमलावर। सोशल मीडिया पर मीम्स बन रहे हैं। बलौदाबाजार के आदिवासी विभाग ने कहा कि टेंडर आया था, लेकिन कीमत ज्यादा होने की वजह से रदद् कर दिया गया। हरिभूमि ने उस कारोबारी को तलाश करने का प्रयास किया, जिसने 32 हजार में सप्लाई के लिए टेंडर भरा। जीएसटी नंबर के सहारे टीम रायपुर टिकरापारा तक पहुंची। वहां फर्म का अतापता नहीं है। जिस मोबाइल नंबर का जिक्र किया गया, उसने कहा वह अभनपुर में किराना दुकान चलाता है।
उल्लेखनीय है कि, जग सप्लाई का कोटेशन देने वाली फर्म का नाम है श्रीराम सेल्स एंड सप्लायर उस कोटेशन को हरिभूमि ने हासिल किया और उसके आधार फर्म की पड़ताल की। जीएसटी से पता चला कि फर्म सिद्धार्थ चौक, हनुमान मंदिर, टिकरापारा के पास है। टीम वहां पहुंची। आसपास जानकारी जुटाई। ऐसी किसी फर्म की जानकारी नहीं मिली। यहां तक कि आसपास के दुकानदारों ने ऐसी किसी फर्म के होने से इनकार कर दिया।
जांच के बाद कार्रवाईआयुक्त
छत्तीसगढ़ जीएसटी आयुक्त पुष्पेंद्र मीणा ने बताया कि, श्रीराम सेल्स को लेकर जीएसटी इंटेलिजेंस शाखा को उक्त फर्म के संबंध में जांच के निर्देश दिए गए है। जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद कार्रवाई तय की जाएगी।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी
टेंडर हासिल करने कोटेशन भरने जिस जीएसटी नंबर का उल्लेख किया गया है। नंबर हासिल करने जालसाज द्वारा फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेने की आशंका है। जिस चंद्रेश नाम के व्यक्ति के नाम से जीएसटी नंबर हासिल किया गया है। उनका कहना है कि उसका अभनपुर में छोटे से किराना का दुकान है। साथ ही उसने जीएसटी नंबर लेने की बात से इनकार किया है। ऐसे में जालसाज द्वारा चंद्रेश के दस्तावेजों का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हुए जीएसटी नंबर हासिल कर टेंडर के लिए कोटेशन जमा करने की आशंका है।
एक किलोमीटर तक कोई दुकान नहीं
हरिभूमि की टीम ने सिद्धार्थ चौक से लेकर नंदी चौक, हटरीबाजार तक श्रीराम सेल्स नाम की फर्म की जानकारी जुटाई। ऐसी किसी दुकान या फर्म के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी। सिद्धार्थ चौक से एक किलोमीटर के दायरे में श्रीराम सेल्स नाम की कोई फर्म नहीं मिली।
यह दस्तावेज है अनिवार्य
जीएसटी विभाग के अनुसार, किसी भी कारोबारी को जीएसटी नंबर तभी आबंटित किया जाता है, जब वह आवेदन के साथ समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करे। इसमें आधार कार्ड, पेन कार्ड, फोटो, बिजली बिल, बैंक का नाम और अकाउंट नंबर आदि। जीएसटी नंबर जारी करने के पूर्व जीएसटी के सर्किल अफसर मौके पर भौतिक सत्यापन करने जाते हैं।
जीएसटी नंबर चंद्रेश देवांगन के नाम पर
श्रीराम सेल्स ने आदिवासी विकास विभाग को कोटेशन में जो जीएसटी 22 एएफएचएफएस 8638 ई- 1 जेडवी नंबर दिया था। वह जीएसटी नंबर पूरी तरह से सही पाया गया जो एक पार्टनरशिप फर्म है। पार्टनरशिप फर्म के थोक कारोबार करने का उल्लेख है। उक्त फर्म का पंजीयन 25 जुलाई 2024 को हुआ। इसका रजिस्ट्रेशन चंद्रेश कुमार देवांगन नामक व्यक्ति ने किया है। उसने अपना मोबाइल नंबर भी रजिस्ट्रेशन के समय दिया था। दिए गए मोबाइल नंबर पर काल किया तो कॉल रिसिव करने वाले ने अपना नाम चंद्रेश देवांगन बताया। उसने बताया कि वह अभनपुर में किराना दुकान चलाता है। उसने किसी टेंडर में हिस्सा नहीं लिया है, और नहीं उसने जीएसटी नंबर लिया है। हालांकि चंद्रेश देवांगन ज्यादा बात करने से बचते नजर आया।
जेम पार्टल का एक और कारनामा, 5 टीवी 50 लाख की, बाजार से 6 गुना रेट
रायपुर। 32 हजार के एक जग की सप्लाई का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि जेम पोर्टल का एक और कारनामा सामने आया है। सरगुजा में अनुसूचित जाति, जनजाति विभाग के लिए पांच टीवी खरीदने के नाम पर जेम पोर्टल के माध्यम से एक कारोबारी समूह ने टीवी नौ लाख 99 हजार 500 रुपए कोड किया गया है। इस तरह से पांच टीवी खरीदी करने के लिए 49 लाख 97 हजार 500 रुपए कोट किए हैं। कोटेशन 2 जनवरी 2025 का है। ओपन ब्रिड के माध्यम से कोटेशन जमा करने वाली कारोबारी संस्था का नाम बगुलामुखी इंटरप्राइजेस प्राइवेट लिमिटेड है। जिस कंपनी का टीवी खरीदने कोटेशन भरा गया है उक्त टीवी कंपनी का नाम सोलीटेयर कंपनी की 86 इंच की टीवी है।
ऑनलाइन रेट डेढ़ लाख रुपए
हरिभूमि ने सेम कंपनी और सेम सिस्टम की कीमत आनलाइन सर्च की। इमेजान और इंडिया मार्ट में प्रति टीवी एक लाख 45 हजार और एक लाख 55 हजार नजर आए। इस तरह बाजार की कीमतें कोटेशन से करीब छह गुना ज्यादा हैं। हरिभूमि ने कंपनी के भागीदार नवीन सोनी से संपर्क किया गया तो उन्होंने ओपन ब्रिड में नौ लाख 99 हजार 500 रुपए में टीवी के लिए कोटेशन भरे जाने की बाक कबूल की। उन्होंने कहा कि इंस्टालेशन करने सहित अन्य सामान कराया जाएगा इस वजह से रेट अधिक कोट किया गया है।