जंगलों में गूंजते हैं गिरपुंजे की जांबाजी के किस्से: गैलंट्री अवार्ड से सम्मानित शहीद का शव पहुंचा रायपुर, महादेव घाट में मंगलवार को अंतिम संस्कार

सुकमा IED ब्लास्ट में शहीद ASP आकाश राव गिरपुंजे का शव रायपुर लाया गया। मंगलवार 10 जून को महादेव घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

Updated On 2025-06-09 17:28:00 IST
शहीद एसएसपी आकाश राव गिरपुंजे 

रायपुर। न कोई है.. न कोई था... जिंदगी में तुम्हारे सिवा... संभवत: यह गाना शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे ने अपनी ड्यूटी के प्रति समर्पण के लिए गाया होगा। 

सोमवार, 9 जून छत्तीसगढ़ पुलिस ने सुकमा IED ब्लास्ट में अपना एक साहसी अफसर खो दिया। अपनी वीरता के लिए उन्हें गैलंट्री अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कई नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सेवाएं भी दी। उन्होंने भगवती से यही प्रार्थना की होगी कि, आमने-सामने की लड़ाई में दुश्मन से लोहा लेते समय वीरगति प्राप्त हो.... लेकिन नियति शायद उनसे रुष्ट थी, तभी वे लाल आतंक के इस कायराना हमले का शिकार हो गए।

सुकमा में हुआ IED ब्लास्ट
उल्लेखनीय है कि, सुकमा में नक्सलियों ने ठेकेदार के पोकलेन मशीन को आग के हवाले कर दिया था। ASP आकाश राव, SDOP-TI और अन्य अधिकारियों के साथ घटनास्थल का मुआयना करने पहुंचे थे। इस दौरान वे नक्सलियों के प्रेशर आईईडी की चपेट में आ गए।

रायपुर लाया गया पार्थिव शरीर
अब उनके पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान रायपुर लाया गया है। मेकाहारा में पोस्टमार्टम के बाद उनका शव परिजनों को सौंपा गया। मंगलवार को महादेव घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। साथ ही ब्लास्ट में घायल इंस्पेक्टर सोनल ग्वाला और SDOP भानुप्रताप चंद्राकर को भी रायपुर लाया गया है। RKCH अस्पताल में घायलों का इलाज किया जाएगा। 

छ.ग पुलिस के बहादुर अफसर
बता दें कि, शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुन्जे का जन्म 7 फरवरी 1983 को रायपुर में हुआ। अपनी कड़ी मेहनत से वे 2013 बैच के सीधी भर्ती प्रक्रिया से डीएसपी बनें। भर्ती दिनांक से प्रशिक्षण अवधि तक सुभाष चन्द्र बोस पुलिस अकादमी चन्दखुरी, रायपुर, जिला कांकेर, राजनांदगांव (मानपुर-मोहला), दुर्ग, रायपुर, महासमुन्द और सुकमा (कोटा) में तैनात रहे। 


एएसपी आकाश राव गिरपुंजे

2024 से कोन्टा में दे रहे थे सेवा
वे मार्च 2024 से कोन्टा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवा दे रहे थे। वे छत्तीसगढ़ पुलिस के साहसी योद्धाओं में से एक थे, जिन्होंने मानपुर-मोहला और सुकमा जैसे वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं।

रायपुर में रहता है परिवार
उनका परिवार पिता गोविन्द राव गिरपुन्जे, माता मंदा गिरपुंजे, पत्नी स्नेहा गिरपुंजे, सिद्धांत-पीहू उनके बच्चे रायपुर में ही रहते हैं। उनकी मौत से वे सभी सदमे में हैं।

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