पूर्व गृहमंत्री कंवर ने सुनाया दुखड़ा : कहा - नहीं सुनते आईएएस अफसर, डीएमएफ घोटाले की जांच सीबीआई-ईडी से कराएं

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा,कोरबा सहित प्रदेश के सभी जिलों में अभी तक 10 हजार करोड़ से ज्यादा का डीएमएफ घोटाला हुआ है। ऐसे गंभीर आरोप पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने लगाए हैं।

Updated On 2024-12-30 11:25:00 IST
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर

रायपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और कोरबा सहित प्रदेश के सभी जिलों में अभी तक 10 हजार करोड़ से ज्यादा का डीएमएफ घोटाला हुआ है। ऐसे गंभीर आरोप पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने लगाए हैं। देश में सबसे ज्यादा डीएमएफ और सीएसआर मद से आय वाला जिला कोरबा और दंतेवाड़ा है, जहां भ्रष्टाचार करने के लिए कलेक्टर रिश्वत देकर पोस्टिंग कराते हैं। इनसे कई बार जांच कराने की मांग करने के बावजूद आईएएस अफसर रुचि भी नहीं ले रहे हैं।

बेबाक बयानबाजी के चलते हमेशा सुर्खियों में रहने वाले पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर रविवार को प्रेस क्लब पहुंचे, जहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सीएम विष्णुदेव साय को मामले की जानकारी दी गई है। मेरे सामने संबंधित जिम्मेदारों को उन्होंने दिशा-निर्देश भी दिए, लेकिन आईएएस अधिकारी नजर अंदाज कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में कहा कि यहां कोई नहीं सुन रहा है, इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ ही केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री किशन रेड्डी से भी इस मामले की सीबीआई और ईडी से जांच कराने के लिए मांग करनी पड़ी।

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कई शिकायतों की जांच जारी

ऐसा नहीं है कि शिकायतों को हमेशा नजर अंदाज किया गया। मेरे द्वारा पूर्व में केंद्र व राज्य सरकार को कई बार भ्रष्टाचार के मामले में शिकायत पत्र दिए गए। उन्हें केंद्र की मोदी सरकार ने गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की है। इसमें छत्तीसगढ़ में पीएससी घोटाला, कोयले में वसूली, शराब में अवैध वसूली के साथ महादेव एप से पैसे की अफरातफरी की शिकायतें शामिल हैं। इनमें कई सफेदपोश, कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं। उसकी जांच आज भी सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही है। इनमें कई सफेदपोश, आईएएस जेल की हवा भी खा रहे हैं।

नियमों की हो रही है अनदेखी

डीएमएफ में खान प्रभावित क्षेत्र के लोगों को लाभ देने और उनको सुविधा देने पर खर्च करने का प्रावधान है। जैसे सड़क, स्वच्छ पानी, अस्पताल, पढ़ने के लिए स्कूल, आवागमन के साधन व प्रदूषण से बचाव के उपाय करने पर उक्त राशि खर्च करनी चाहिए। केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए नियम एवं शर्तों को प्रसारित करती है। जिलों के कलेक्टर मनमाने तरीके से इसका उपयोग कर भ्रष्टाचार करते हैं। कोरबा और दंतेवाड़ा में हुए भ्रष्टाचार को प्रमुखता से रखते हुए मामले में जांच कराने के लिए केंद्र सरकार से शिकायत की है।


 

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