नियति का खेल : बुजुर्ग दंपती के तीनों बेटों की चार साल के भीतर हुई मौत, वैद्यराज देशमुख ने की बड़ी मदद

धमतरी जिले के ग्राम मौरीकला में एक परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ एक साथ टूट पड़ा। चार साल के अन्दर में एक करके तीनों बेटे की मौत हो गई। 

Updated On 2025-04-12 13:40:00 IST
शोक में डूबा पूरा परिवार

अंगेश हिरवानी - नगरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के एक परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ एक साथ टूट पड़ा। इस परिवार में 65 वर्षीय बीमार बुजुर्ग के तीनों जवान बेटों की मृत्यु महज चार साल के भीतर एक के बाद एक काल के गाल में समा गए। तीन जवान बेटों के असामयिक चले जाने से बुजुर्ग पिता और उनके परिवार कितने दुख और परेशानी में आ गए हैं इसे आप स्वयं महसूस कर सकते हैं। लोगों को अचंभित करने और दिल को दहला देने वाली यह घटना है धमतरी जिले के कुरूद ब्लाक के ग्राम मौरीकला की है।

बता दें कि, महज चार साल पहले बुजुर्ग 65 वर्षीय सरोज साहू अपने पूरे परिवार रहते थे। सरोज अपने तीन पुत्र मलेश साहू, धनेश्वर साहू और रोहित साहू के साथ शांति से खुशहाल जीवनयापन कर रहा थे,  लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। आज से लगभग 4 वर्ष पहले उसके मंझले पुत्र धनेश्वर साहू की असामयिक मौत हो गई। फिर उसके दो साल बाद तीसरे पुत्र रोहित साहू का एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। 

5 अप्रैल को तीसरे बेटे की हुई मौत 

वहीं मौत का सिलसिला यहीं पर नही रुका। अब बारी आई उसके बड़े पुत्र मलेश साहू की, जिसकी मृत्यु विगत कुछ दिन पूर्व 5 अप्रैल को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। चार साल के भीतर एक के बाद एक तीनों पुत्र का मौत होना किसी त्रासदी से कम नहीं है। दुखों का पहाड़ एक -एक करके आ जाने से बुजुर्ग और उनका परिवार पूरी तरह से टूट गए हैं। कमाऊ पुत्रों की मृत्यु हो जाने से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब हो चुकी है।

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परिवार को 51 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी 

इस घटना की जानकारी चारामा क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता ओम प्रकाश साहू ने जब मोक्ष धाम सेवा समिति जिला बालोद के संस्थापक और प्रसिद्ध नाड़ी वैद्य बिरेंद्र देशमुख को दी गई। इस दुखद घटना से भावविभोर होकर गुरुदेव देशमुख ने ग्राम मौरीकला पहुंचकर शोकाकुल परिवार से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और उनका हाल चाल जाना। परिवार के दुःख और आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने संस्था की ओर से 51 हजार रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की।

गरीबों का मदद करना चाहिए 

गुरूदेव बीरेंद्र देशमुख ने कहा कि, गरीबों का मदद करना और जरूरतमंदों को सहायता करना मेरे लिए  धर्म का काम है। दुःख और समस्या के दौरान कोई जात पात नही देखते। हम मानव है हम सभी को अपना समझते हैं चाहे वो कोई भी रहे।

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