नवजात हाथी शावक की मौत : वनमंडल में मचा हड़कंप, कारण अज्ञात 

रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल रेंज में नवजात हाथी शावक की मौत हो गई। फिलहाल वन विभाग मामले की जांच में जुट गया है। 

Updated On 2024-09-03 12:23:00 IST
मृत नवजात हाथी का शावक

अमित गुप्ता- रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल रेंज में नवजात हाथी शावक की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच में जुट गई है। 

मामले की जांच में जुटा वन अमला

मिली जानकारी के अनुसार, धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल रेंज में नवजात हाथी शावक की मौत हो गई। हाथी की मौत के कारण का अभी पता नहीं चल सका है। मौके पर पहुंचा वन विभाग मामले की जांच में जुट गया है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारण का खुलासा हो सकेगा। 

कुछ महीने पहले हुई थी बहरादेव हाथी की मौत

 वहीं कुछ महीने पहले ही सूरजपुर जिले में करंट की चपेट में आने से इलाके के खूंखार हाथी बहरादेव की मौत हो गई। बताया जाता है कि, यह हाथी दल में न घूमकर अक्सर स्वच्छंद ही घूमा करता था। ये अकेला ही पूरे जिले के लिए मुसीबत का सबब था। 

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अकेला ही इलाके के लिए था मुसीबत का सबब 

बता दें कि, पिछले डेढ़ वर्षों से बहरादेव नाम का हाथी स्वच्छंद विचरण कर रहा था। यह अकेला ही कई गांवों में फसलों, घरों और लोगों को नुकसान पहुंचाता था। इसे नियंत्रित करने के सारे उपाय फेल हो चुके थे। इस हाथी को रोकने के लिए ही वन विभाग की टीम ने जंगल में ही अस्थाई हाथी ट्रांजिट फैसिलिटी सेंटर विकसित किया था। उन्होंने जंगल में ही चारा-पानी की व्यवस्था कर दी थी। इससे हाथी के जंगल से बाहर नहीं निकलने की उम्मीद बढ़ गई थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। 

दिन में भी मचाता था आतंक   

इस हाथी ने रात तो रात दिन में भी उत्पात मचा रखा था। लोग अक्सर दहशत में रहते थे कि, बहरादेव आया तो फसलों और मकान के साथ-साथ लोगों को भी नुकसान पहुंचाएगा। वहीं वन विभाग इसे रोकने के नए-नए तरीके ढूंढ़ रहा था पर बहरादेव पर नियंत्रण नहीं पा सका। अब करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। 

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