नक्सलवाद पर नकेल : नक्सलियों के छह फ्रंटल आर्गनाइजेशन पर कसा शिकंजा, प्रतिबंध की अवधि बढ़ी

छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर महाराष्ट और आंध्रप्रदेश की सीमा से लगे राज्य के इलाकों में ऐसे कई संगठन नक्सलियों के लिए मददगार के रूप में काम करते हैं। 

Updated On 2024-04-23 12:44:00 IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सली संगठनों पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब सरकार ने नक्सलियों के फ्रंटल आर्गनाइजेशनों पर भी शिकंजा मजबूत किया जा रहा है। राज्य सरकार ने नक्सलियों के छह संगठनों पर लगे प्रतिबंध को एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया है। इस संबंध में गृह विभाग ने अधिसूचना जारी की है। इन संगठनों को विधि विरुद्ध संगठन घोषित किया गया है। 

राज्य में नक्सलियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने लिए सरकार इनके साथ जुड़े ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का काम करती है जो अलग-अलग नाम से संस्थाएं बनाकर नक्सलियों के लिए काम करते है। छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर महाराष्ट और आंध्रप्रदेश की सीमा से लगे राज्य के इलाकों में ऐसे कई संगठन नक्सलियों के लिए मददगार के रूप में काम करते हैं। राज्य सरकार ने ऐसे संगठनों के खिलाफ छत्तीसगढ़ विशेष जनसुरक्षा अधिनियम 2005 के तहत प्रतिबंध लगाने की कार्रवी की है।

ये हैं प्रतिबंधित संगठन

नक्सलियों के सहयोगी के रूप में काम करने वाले जिन संगठनों की पहचान की गई है उनमें कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया माओवादी (सीपीआई माओवादी) और उसके। छह फ्रंटल आर्गनाईजेशन शामिल हैं। इनमें दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ, क्रांतिकारी आदिवासी महिला संघ, क्रांतिकारी आदिवासी बालक संघ, क्रांतिकारी किसान कमेटी, महिला मुक्ति मंच, आरपीसी या जनताना सरकार शामिल है। इन संगठनों पर एक साल का प्रतिबंध पूर्व में लगाया गया था। इस प्रतिबंध की अवधि समाप्त होने के बाद एक नई अधिसूचना जारी कर प्रतिबंध को फिर से एक साल के लिए बढ़ाया गया है।

नक्सलियों पर कसा है शिकंजा

छत्तीसगढ़ पुलिस ने हाल ही में नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज करते हुए कांकेर जिले में नक्सलियों पर एक बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की है। 16 अप्रैल को कांकेर के छोटेबेटिया थाना क्षेत्र के बिनागुंडा एवं कोरोनार के मध्य हापाटोला के जंगल में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे। इनसे बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए गए थे। देश में यह पहला मामला था, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए थे।

 

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