बस्तर में धान खरीदी में आई तेजी: खरीदी केंद्रों में लगा किसानों का मेला, कांकेर ने तोड़ा रिकार्ड, दंतेवाड़ा में सुस्त रफ्तार

ऑनलाइन टोकन व्यवस्था भी किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। नम्बर आते ही वे धान लेकर केंद्र पहुंच रहे हैं और खरीदी प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है।

Updated On 2025-12-06 16:17:00 IST

धान खरीदी केंद्र

अनिल सामंत- जगदलपुर। सहकारी समिति कर्मचारी संघ का आंदोलन समाप्त होते ही बस्तर संभाग में धान खरीदी ने मानो ‘स्पीड पकड़ ली’ हो। शुरुआती दिनों में हड़ताल के कारण सुनसान पड़े उपार्जन केंद्र अब किसानों की हलचल से गुलज़ार हैं। सालभर की मेहनत का अनाज बेचने पहुंची किसानों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि, हर केंद्र पर खरीदी का उत्सव जैसा माहौल नजर आने लगा है। वहीं ऑनलाइन टोकन व्यवस्था भी किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, नम्बर आते ही वे धान लेकर केंद्र पहुंच रहे हैं और खरीदी प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है।

सबसे अधिक तेजी कांकेर जिले में दिखाई दे रही है, जहां अब तक 5 लाख 35 हजार 557 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। यह आंकड़ा पूरे संभाग में सर्वाधिक है और लगातार बढ़ रहा है। इसी तरह पूरे संभाग में अब तक 23 हजार 504 किसानों ने कुल 12 लाख 71 हजार 804 क्विंटल धान बेचा है। बस्तर जिले में 4682 किसानों से 2 लाख 68 हजार 200 क्विंटल, बीजापुर जिले में 410 किसानों से 22 हजार 985 क्विंटल, दंतेवाड़ा जिले में 183 किसानों से 4401 क्विंटल, कांकेर जिले में 10806 किसानों से 5 लाख 35 हजार 557 क्विंटल, कोंडागांव जिले में 6904 किसानों से 4 लाख 17 हजार 50 क्विंटल, नारायणपुर जिले में 268 किसानों से 10 हजार 963 क्विंटल, सुकमा जिले में 251 किसानों से 12 हजार 626 क्विंटल, दंतेवाड़ा के 15 उपार्जन केंद्रों में खरीदी बेहद धीमी गति से चल रही है। किसान सुबह से शाम तक लाइन में खड़े रहते हैं, फिर भी खरीदी का ग्राफ नहीं बढ़ रहा। स्थानीय स्तर पर व्यवस्था सुधार की मांग तेज हो गई है।

उठाव ना होने से बिगड़ रही व्यवस्था
धान खरीदी शुरू हुए एक माह से अधिक समय हो चुका है, लेकिन उठाव अब तक प्रारंभ नहीं हुआ। इससे कांकेर जिले के अनेक उपार्जन केंद्रों में धान का ढेर लग गया है। बारिश, मवेशियों और चूहों से नुकसान का खतरा लगातार बढ़ रहा है। यही स्थिति कोंडागांव, बस्तर और अन्य जिलों में भी देखने को मिल रही है, जिससे उपार्जन प्रभारी गंभीर चिंताओं में हैं।

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