Jagdalpur News: कलेक्टर की नेक पहल: दिल की बीमारी से छूटी बीटेक डिग्री होल्डर का जॉब, तो आश्रम स्कूल में बनाया टीचर

जगदलपुर के कलेक्टर विजय दयाराम ने दिल की बीमारी से जूझ रहे बीटेक होल्डर की मदद की है। जुगल किशोर नामक इस युवक को आश्रम स्कूल में कंप्यूटर शिक्षक की नौकरी दी है। कलेक्टर दयाराम ने कहा कि बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों से कुछ ही लोग उच्च शिक्षा हासिल करते हैं और अच्छा प्रदर्शन करते हैं। ऐसे क्षेत्रों से आने वाले युवाओं की मदद करने की जरूरत है। जिला प्रशासन ऐसे युवाओं की मदद के लिए हमेशा खड़ा है। जुगल किशोर ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। वह पूरे कोर्राम क्षेत्र के लिए प्रेरणा की मिसाल हैं।

Updated On 2024-01-10 20:39:00 IST
जगदलपुर के कलेक्टर विजय दयाराम ने दिल की बीमारी से जूझ रहे एक बीटेक डिग्री होल्डर युवक की मदद की है।

Collector appoints B Tech holder as Teacher: जगदलपुर के कलेक्टर विजय दयाराम ने दिल छू लेने वाला काम किया है। बस्तर जिले के संवेदनशील क्षेत्र चंदामेटा से बी.टेक डिग्री होल्डर जुगल किशोर की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र से निकलकर जुगल किशोर ने उच्च शिक्षा हासिल की है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने जुगल किशोर को एक आश्रम स्कूल में कंप्यूटर शिक्षक की नौकरी दी है। 

संवेदनशील क्षेत्र के पढ़े लिखे युवकों की होगी मदद: कलेक्टर
कलेक्टर दयाराम ने कहा कि बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों से कुछ ही लोग उच्च शिक्षा हासिल करते हैं और अच्छा प्रदर्शन करते हैं। ऐसे क्षेत्रों से आने वाले युवाओं की मदद करने की जरूरत है। जिला प्रशासन ऐसे युवाओं की मदद के लिए हमेशा खड़ा है। जुगल किशोर ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। वह पूरे कोर्राम क्षेत्र के लिए प्रेरणा की मिसाल हैं।

किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं जुगल किशोर
चंदामेट्टा के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले जुगल किशोर कोर्रम की प्राथमिक शिक्षा कोलेंग में हुई। इसके बाद उन्होंने जगदलपुर में पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई उन्होंने रायपुर में की। दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से उन्होंने इंजीनियरिंग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। इसके बाद उनका एडमिशन रायपुर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में हुआ। इसके बाद जुगल किशोर ने रायपुर से बी.टेक की डिग्री हासिल की। 

पढ़ाई के दौरान करना पड़ा मुश्किलों का सामना
अपनी पढ़ाई के दौरान जुगल को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पढ़ाई के दौरान उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं होने लगी। जांच कराने पर पता चला कि उन्हें दिल की बीमारी है। इस बीमारी के वजह से जुगल किशोर को काफी आर्थिक नुकसान हुआ। घर चलाने के लिए जुगल ने शिक्षक की नौकरी भी की। हालांकि बीमारी की वजह से उनकी नौकरी छूट गई। जुगल के पिता किसान है और भाई और बहन अभी पढ़ाई कर रहे हैं।

चुनाव के दौरान हुई थी कलेक्टर से मुलाकात
हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान चांदामेटा में जुगल ने कलेक्टर से मुलाकात की। अपनी सारी कहानी बताई और आवेदन सौंपा। कलेक्टर ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने काआश्वासन दिया। चुनाव के बाद कोलेंग क्षेत्र में विकास कार्यों के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर की मुलाकात जुगल किशोर से हुई। इसके बाद कलेक्टर ने युगल किशोर को कंप्यूटर शिक्षक बनने का प्रस्ताव दिया। 

खुद आश्रम लेकर जाकर कलेक्टर ने करवाई नियुक्ति
कलेक्टर ने खुद ही जुगल किशोर को आश्रम तक ले जाकर उनकी नियुक्ति करवाई। इसके साथ ही आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त को आवश्यकआदेश जारी करने का निर्देश दिया। आश्रम में छात्रों के लिए नए कंप्यूटर शिक्षक के परिचय के दौरान, कलेक्टर ने जुगल की कहानी साझा की। जुगल अब आश्रम में बच्चों को कंप्यूटर के साथ गणित भी पढ़ाएंगे। कलेक्टर ने सभी बच्चों से कहा कि मुश्किल हालात में भी पढ़ाई नहीं छोड़ें। 

Tags:    

Similar News