बिरनपुर कांड : छत्तीसगढ़ बंद के दिन आग लगाने के 15 आरोपियों को मिली जमानत, जेल के बाहर उमड़े समर्थक

बिरनपुर हिंसा में एक नया मोड़ आया है, छत्तीसगढ़ बंद के दिन आग लगाने वाले 15 आरोपियों को कोर्ट ने जमानत दे दी है। जिसके बाद इनके समर्थकों का जेल के बाहर तांता लगा हुआ है।

By :  Ck Shukla
Updated On 2024-02-12 19:32:00 IST
बेमेतरा जेल के बाहर उमड़ी समर्थकों की भीड़

सूरज सिन्हा-बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के साजा थाना क्षेत्र के ग्राम बिरनपुर में 10 अप्रैल 2023 को हुई आगजनी मामले में पकड़े गए 15 आरोपियों को सोमवार को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। इससे पहले 8 आरोपियों को जिला कोर्ट ने बरी कर दिया था। इन सभी आठों आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ मिला था। जमानत के बाद बेमेतरा उपजेल के बाहर उनके समर्थकों की भीड़ लग गई है। <blockquote class="twitter-tweetmedia-data-max-data-width="560"><p lang="hi" dir="ltr">बिरनपुर हिंसा में एक नया मोड़ सामने आया.. छत्तीसगढ़ बंद के दिन आग लगाने वाले 15 आरोपियों को कोर्ट ने जमानत दे दी.<a href="https://twitter.com/BemetaraDist?ref_src=twsrc^tfw">@BemetaraDist</a> <a href="https://twitter.com/hashtag/Chhattisgarh?src=hash&amp;ref_src=twsrc^tfw">#Chhattisgarh</a> <a href="https://twitter.com/CG_Police?ref_src=twsrc^tfw">@CG_Police</a> <a href="https://t.co/qHKmvYBprh">pic.twitter.com/qHKmvYBprh</a></p>&mdash; Haribhoomi (@Haribhoomi95271) <a href="https://twitter.com/Haribhoomi95271/status/1757041388846227787?ref_src=twsrc^tfw">February 12, 2024</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" data-charset="utf-8"></script>

छत्तीसगढ़ बंद के दिन हुआ था हादसा <blockquote class="twitter-tweetmedia-data-max-data-width="560"><p lang="hi" dir="ltr">जेल के बाहर भारी मात्रा में उनके साथी पहुंचे. भगवा कपड़े पहनाकर उनकी रैली निकालेंगे। ये सभी आरोपी लंबे अंतराल के बाद जेल से जमानत पर छूट रहे हैं...<a href="https://twitter.com/BemetaraDist?ref_src=twsrc^tfw">@BemetaraDist</a> <a href="https://twitter.com/hashtag/Chhattisgarh?src=hash&amp;ref_src=twsrc^tfw">#Chhattisgarh</a> <a href="https://twitter.com/CG_Police?ref_src=twsrc^tfw">@CG_Police</a> <a href="https://twitter.com/hashtag/Haribhoomi?src=hash&amp;ref_src=twsrc^tfw">#Haribhoomi</a> <a href="https://t.co/5LOk9AMIQI">pic.twitter.com/5LOk9AMIQI</a></p>&mdash; Haribhoomi (@Haribhoomi95271) <a href="https://twitter.com/Haribhoomi95271/status/1757042147042144275?ref_src=twsrc^tfw">February 12, 2024</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" data-charset="utf-8"></script>

जेल के बाहर भारी मात्रा में उनके साथी पहुंचे है और उन्हें भगवा कपड़े पहनाकर उनकी रैली निकालेंगे। ये सभी आरोपी लंबे अंतराल के बाद जेल से जमानत पर छूट रहे हैं। इन सभी सभी युवकों पर आरोप है कि, आठ अप्रैल 2023 को भुवनेश्वर साहू पिता ईश्वर साहू की हत्या गांव के नवाब खान समेत अन्य लोगों द्वारा कर दी गई थी। हत्या के विरोध में 10 अप्रैल को विश्व हिंद परिषद, बजरंग दल समेत भाजपा द्वारा छत्तीसगढ़ बंद बुलाया गया था। इसी बंद के दौरान गांव में हजारों की संख्या में लोग एकत्र हो गए थे। गांव के खातून बी के मकान में दोपहर दो से 2.30 के बीच में अज्ञात लोगों द्वारा आग लगा दिया गया था। 

घर में लगा दी थी आग 

आग लगने से खातून बी का पूरा मकान जलकर राख हो गया था और कमरे में रखे सामान सिलाई मशीन, बर्तन, सायकल, घरेलू उपयोगी सामान जलकर नुकसान हो गया। राहत की बात थी कि इस घटना के दौरान खातून बी अपने परिवार के साथ विवाद के डर से कहीं चली गई थी। आपको बता दें कि, इसी दिन ही गांव में पिता-पुत्र के शव भी मिले थे। इनके सिर पर चोट के निशान थे। मृतक का नाम रहीम मोहम्मद और ईदुल मोहम्मद था। इस मामले में कुछ आरोपी पकड़े गए थे। 

स्कूली बच्चों के बीच झगड़े को लेकर उपजा था विवाद 

बिरनपुर गांव में कथित तौर पर स्कूली बच्चों के बीच झगड़े के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस झड़प में एक स्थानीय युवक भुनेश्वर साहू (22) की मौत हो गई और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। मंगलवार को गांव में स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब पुलिसकर्मियों ने गांव से कुछ किलोमीटर दूर दो शव बरामद किए। अधिकारियों ने बताया कि शव पर चोट के निशान मिले हैं तथा दोनों बिरनपुर गांव के ही निवासी थे।

गांव में लगी थी धारा 144 लागू

स्थानीय प्रशासन ने गांव और आसपास के क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दिया है, जिससे लोग एक जगह एकत्र नहीं हो सकें। घटना में मारे गए भुनेश्वर साहू के छोटे भाई कृष्णा साहू ने कहा हमें न तो वित्तीय सहायता चाहिए और न ही नौकरी। हम केवल अपने भाई की हत्या के दोषियों के लिए मौत की सजा चाहते हैं। दोषियों को सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए, तभी हमारे साथ न्याय होगा।

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