यहां बना सबसे बड़ा अमृत सरोवर : जल-पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम, 5 अक्टूबर से जल जगार का बड़ा आयोजन

कुरूद विकासखंड के कन्हारपुरी में प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर बना। जिले में जल और पर्यावरण संरक्षण के लिए सराहनीय प्रयास किए गए हैं। 

Updated On 2024-09-28 14:35:00 IST
कन्हारपुरी अमृत सरोवर

यशवंत गंजीर-कुरूद। आज के इस आधुनिक दौर में जल और जंगल के अंधाधुंध दोहन के चलते जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है। कई बड़े शहरों में इसका असर भी देखने को मिल रहा है। लोग पानी के लिए किस तरह परेशान हुए वह भी प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया में देखने को मिला है। 

जिले में जल की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर नम्रता गांधी ने जल और पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेक सराहनीय प्रयास किए हैं। उन्हीं में से एक है अमृत सरोवरों का निर्माण। जिले के चारों विकासखण्ड में कुल 119 अमृत सरोवर बनाए गए हैं। इनमें धमतरी विकासखण्ड में 23, कुरूद में 38, मगरलोड में 29 और नगरी विकासखण्ड में 29 अमृत सरोवर शामिल हैं।  

कन्हारपुरी सरोवर प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर

धमतरी जिले के ग्राम कन्हारपुरी में निर्मित किए गए अमृत सरोवर को प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। इसकी खास बात यह है कि, जितनी लागत इस सरोवर को बनाने में आई, उससे अधिक आय भी पंचायत को हुई। यह संभव हो पाया संसाधनों के बेहतर उपयोग से। जहां एक ओर इस तालाब ने किसानों के लिए सिंचाई सुविधा का एक नया रास्ता खोल दिया। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को सालभर निस्तारी की समस्या से भी मुक्ति मिल गई और भूमि का जलस्तर बना रहा। 

यहां पर बना पहला अमृत सरोवर 

गौरतलब है कि, धमतरी जिले में रेलवे ने ब्राडगेज का काम किया है। ग्राम कन्हारपुरी और आसपास में रेलवे को पटरी बिछाने के काम के लिए मुरुम और मिट्टी की जरूरत थी। रेल्वे विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर कन्हारपुरी ग्राम पंचायत के साथ मिट्टी निकालने का एग्रीमेंट कराया गया। मिट्टी गांव के मुरा तालाब में उस जगह से निकाली गई, जहां तालाब गहरीकरण का काम होना था। रेलवे के माध्यम से तालाब की आवश्यकतानुसार खुदाई कराई गई, जिससे तालाब की पूरी तस्वीर ही बदल गई। इतने बड़े क्षेत्रफल में अब तक प्रदेश में कहीं भी अमृत सरोवर का तालाब नहीं बना है। 

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तालाब के पानी से किसानों की सिंचाई की समस्या होगी दूर 

इस तालाब में बारिश के मौसम में पानी के भराव के साथ ही हरियाली की चादर बिछी नजर आ रही है। तालाब के आसपास के 46 किसानों की 70 एकड़ फसल की सिंचाई की जा सकेगी। इन किसानों को सिंचाई की कोई चिंता नहीं रहेगी। इधर रेलवे के साथ एग्रीमेंट किया गया था कि, गांव से मिट्टी निकालने के बदले रायल्टी की राशि पंचायत में जमा की जाएगी। इस एग्रीमेंट के तहत रेलवे विभाग के कन्हारपुरी करीब 12 लाख रुपए हैं जो पंचायत में जमा करेगा। इस राशि से गांव के विकास की अलग से कार्य योजना तैयार की जाएगी। कन्हारपुरी के मुरा तालाब का कुल रकबा 09 एकड़ है। गहरीकरण के पहले इस तालाब की जलधारण क्षमता महज 32 हजार 400 घनमीटर थी जो अब 57 हजार 800 घनमीटर हो गई है।

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जल जगार महोत्सव का किया जाएगा भव्य आयोजन 

इन्हीं कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हुए आगामी 5 और 6 अक्टूबर को रविशंकर जलाशय गंगरेल में जल जगार महोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया जा रहा है। इस महोत्सव में जिले के 108 अमृत सरोवरों के जल से रूद्राभिषेक,  हाफ मैराथन,  आसमान से कहानी,  आकर्षक और रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां,  नवरात्रि मेला,  कबाड़ से जुगाड़,  रंगोली प्रतियोगिताएं इत्यादि आयोजित की जाएंगी। कलेक्टर गांधी ने इस वृहद आयोजन में ज्यादा से ज्यादा लोगों से सम्मिलित होकर जल संरक्षण में अपनी सहभागिता निभाने की अपील की है।
 

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