भारतमाला में गड़बड़ी : जानिए कैसे हुआ अधिसूचना के बाद भी नामांतरण, रजिस्ट्री का खेल 

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरीडोर में गड़बड़ी की विस्तृत रिपोर्ट हरिभूमि को मिली है।

Updated On 2025-04-06 11:23:00 IST
भारतमाला प्रोजेक्ट

गौरव शर्मा -रायपुर। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरीडोर में गड़बड़ी की विस्तृत रिपोर्ट हरिभूमि को मिली है। राज्य सरकार द्वारा लगभग 500 पन्नों में तैयार की गई रिपोर्ट और जांच प्रतिवेदनों में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि जनवरी 2020 में अधिसूचना प्रकाशन के बाद भी नाम ट्रांसफर और रजिस्ट्री का खेल चला।  पहले तो अफसरों ने प्रोजेक्ट की जद में आने वाली जमीनों की जानकारी भूमाफियाओं तक पहुंचाई। फिर बैक डेट में नामांतरण और रजिस्ट्री का खेल चला। 

रिपोर्ट के अनुसार अभनपुर के जिन 6 गांवों में मुआवजा भुगतान में गड़बड़ी की गई, वहां खसरे में दर्ज भूमि का उपयोग परिवर्तित किए जाने की विस्तृत जानकारी रिपोर्ट में है। रिपोर्ट के अध्ययन से यह भी पता चलता है किस तरह भूमाफियाओं ने खसरों के टुकड़े कर करोड़ों रुपए के मुआवजा का खेल कर दिया। सिर्फ अभनपुर में ही 7 करोड़ 65 लाख 30 हजार 692 रुपए के स्थान पर 49 करोड़ 39 लाख 40 हजार 464 रुपए का मुआवजा वितरित कर दिया गया। इस संबंध में जांच प्रतिवेदन राज्य सरकार को  सितंबर 2023 में प्राप्त हो गई थी। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विधानसभा में अपने वक्तव्य में भी स्वीकार किया कि 43 करोड़ 18 लाख रुपए अधिक मुआवजा भुगतान कर शासन को करोड़ों की क्षति पहुंचाई गई। 

चार शिकायतों की जांच में ही 48 करोड़ का खेल 

भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के संबंध में जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य शासन को चार शिकायतें मिली। इन सभी शिकायतों की जांच कराई गई। शिकायतें जांच में न सिर्फ सही पाई गई, बल्कि पहली ही शिकायत में 43.18 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा हुआ। अन्य तीन शिकायतों में भी लगभग पांच करोड़ की गड़बड़ी पाई गई। इस तरह चारों शिकायतों की जांच में 48 करोड़ का खेल सामने आया।

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जिन पर थी जिम्मेदारी वही बने जयचंद 

हरिभूमि को मिले रिपोर्ट से पता चलता है मुआवजा घोटाला में तत्कालीन भू अर्जन अधिकारी से लेकर अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, पटवारी की भी संलिप्तता रही। खास बात यह है कि जिन अफसरों पर भू अर्जन की जिम्मेदारी थी, वही जमीनों की डिटेल भूमाफियाओं तक पहुंचाने में मददगार बने। इस मामले में कुछ अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। जबकि कई अफसरों पर जांच की आंच तेज हो गई है।

हर खसरे की डिटेल रिपोर्ट 

हरिभूमि को मिली 500 पन्नों की रिपोर्ट में 6 गांवों में 246 करोड़ के मुआवजा राशि के तमाम खातेदारों की विस्तृत जानकारी है। इस बात का भी उल्लेख है कि किस तरह एक खसरे के 8 से 10 टुकड़े कर मुआवजा राशि को 5 से 8 गुणा तक बढ़ा दिया गया। इस तरह शासन को अरबों का चूना लगाया गया। एक खसरे को कई टुकड़ों में बांटने का सबसे ज्यादा खेल नायकबांधा में हुआ। यहां 13 मूल खातेदारों के खसरे के 54 टुकड़े कर करोड़ों का मुआवजा हासिल किया गया । 

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