आदिवासियों के हक पर डाका: अफसरों और नेताओं की मिलीभगत से 12 गांव के लोग परेशान

मोहला-मानपुर में 2 करोड़ से अधिक के निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार उजागर, बिना एग्रीमेंट ठेके और घटिया निर्माण पर बवाल मचा है।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-07-10 13:35:00 IST

अफसर-नेता की मिलीभगत से निर्माणकार्य ठप

एनिशपुरी गोस्वामी - मोहला। छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी नवगठित जिले एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। जहां जनहित विकास कार्यों के लिए आवंटित राशि कुछ लोगों द्वारा हड़प लिया गया है। जिसमें डोंगरगांव निवासी भाजपा नेता, ठेकेदार सागर वर्मा और स्थानीय अफसरों ने षडयंत्र पूर्वक 2 करोड़ से ऊपर की राशि निर्माण के नाम पर मिल बैठकर पचा लिया है।

मोहला के करमरी ग्राम पंचायत के अंतर्गत बिना सेंटरिंग के नाले की मिट्टी के ऊपर ही स्लैब ढालकर बनाए गए थे। 15 लाख की लागत के पुल की दास्तान के बीच पड़ताल में उजागर हुआ है। डोंगरगांव के संबंधित ठेकेदार को एक ही वर्क आदेश में बिना किसी एग्रीमेंट के अधिकारियों ने साठ गाठ कर मानपुर मोहला विकासखंड के 12 ग्राम पंचायतो मे लागत से कहीं ज्यादा पुल, मुरमीकरण सड़क, सीसी रोड की राशि स्वीकृत कर काम दे दिया गया। जिसमें वृहद पैमाने पर भ्रष्टाचार कर अधिकांश जगहों से राशि अहरण कर निर्माण कार्यों की वाट लगा दी गई।


12 ग्राम पंचायतो के लिए विभिन्न निर्माण कार्य
उल्लेखनीय है कि, जंगल में मोर नाचा किसने देखा की तर्ज पर आदिवासी अनुसूचित जनजाति बहुल्य मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले मे एक दर्जन के लगभग अंदरुनी ग्राम पंचायतो से सीसी रोड़, पुल निर्माण, मुरमी करण सड़क के लिए सीधे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन के अवर सचिव आर के शर्मा से जिले के 12 ग्राम पंचायतो के लिए विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए 1 अक्टूबर 2024 को स्वीकृति ली गई। स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर उक्त निर्माण कार्यों की स्वीकृति की किसी को भी कानों कान भनक होने नहीं दी गई।

भ्रष्टाचार के बीच जैसे-तैसे चल रहा निर्माणकार्य
इधर पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि, तत्कालीन मोहला जनपद सीईओ केश्वरी देवांगन मानपुर सीईओ हनीश खान के साथ-साथ पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने पंचायत के सरपंच सचिव को सीधे तौर पर कहा कि, निर्माण कार्य की स्वीकृति डोंगरगांव निवासी सागर वर्मा लाया है। काम उसी को दे दो जिसके तहत उन्होंने उसे बिना किसी एग्रीमेंट के निर्माण कार्य का ठेका दे दिया। इस दौरान करमरी ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम नाटीपार के नाले की मिट्टी के ऊपर ही पुल का स्लैब करने का मामला सामने आया। जिसके बाद पड़ताल में पता चला है कि, स्वीकृत सभी पुल, सीसी रोड, मुरमी करण सड़क निर्माण में थूक पॉलिश करते हुए भारी भ्रष्टाचार के बीच जैसें तैसे निर्माणकार्य को खड़ा कर अधिकांश जगहों से राशि आहरण कर ली गई है।

गड़बड़ियों के लिए जांच अधिकारी नियुक्त
जांच में संदेश-मीडिया में प्रकाशित खबरों को संज्ञान में लेते हुए जिला पंचायत सीईओ भारती चंद्राकर ने करमरी पुल के लिए 4 सदस्यीय जांच टीम गठन किए हैं। जिसमें सुभाष चंद्र गोरे अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा को अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि इस विभाग की जिम्मेदारी थी पुलिया का निरक्षण कर गुणवत्ता के बीच पुल निर्माण किया जाए। अब इस जांच मे संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि, जो गड़बड़ी में शामिल है उन्हें ही जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। सरपंच और सचिव की भूमिका भी कठघरे में- चुनावी समय में विकास की बड़ी-बड़ी हाके बोल बचन करने वाले जनप्रतिनिधि अब जवाबदेही से बचते नजर आ रहे हैं। अधिकारियों के कहने पर उन्होंने निर्माण कार्य के लिए आंख मूंद दिया और ठेका डोंगरगांव के सागर वर्मा को देते हुए स्वीकृत धनराशि का चेक प्रदान करते रहे।

इन निर्माण कार्यों में की गई धांधली
मानपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत हलोरा सीसी रोड निर्माण 15 लाख, कोसमी सीसी रोड 18 लाख, सरोली सीसी रोड 18 लाख, सरोली ग्राम पंचायत के आश्रित गांव संबलपुर सीसी रोड 18 लाख, कोहका ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम कोड़े पुल निर्माण 15 लाख, ग्राम पंचायत कुम्हारी पुल निर्माण 15 लाख, मोहला विकासखंड के उमरपाल मूरमीकरण सड़क 18 लाख, माडियानवाडवी सीसी रोड 16 लाख, पाटन खास बस स्टैंड कंक्रीटीकरण 16 लाख, ग्राम पंचायत करमरी पुल निर्माण 15 लाख, उसमाल सीसी रोड 18 लाख, घोवड़ेटोला सीसी रोड 18 लाख की निर्माण कार्यों की स्वीकृति अधिकारियों से अंडर टेबल पंचायतों के प्रस्ताव से किया गया।

ना जांच का ठिकाना और ना कार्रवाई की
लगातार भ्रष्टाचार की खबरें सामने आने के बावजूद जिला प्रशासन के तरफ से भ्रष्टाचार के मामले में जांच का निर्देश तो किया जाता है। पर ना जांच का ठिकाना है और ना ही कार्यवाही की सूत्रों की माने तो जिले में हो रहे लगातार भ्रष्टाचार से आदिवासियों और क्षेत्र वासियों में नाराजगी बढ़ते जा रही है। उनका भरोसा शासन और प्रशासन से अब उठते जा रहा है। अगर समय रहते भ्रष्टाचारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही नहीं हुई तो क्षेत्र मे आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है।

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