आंबेडकर अस्पताल में आधी रात हंगामा: युवकों और डॉक्टरों के बीच मारपीट, जूनियर डाक्टरों ने दो दिया घंटों धरना

लचर व्यवस्था के आरोपों से घिरे आंबेडकर अस्पताल में आधी रात हंगामा हो गया। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल छोड़ने पहुंचे युवकों और इमरजेंसी ड्यूटी के डाक्टरों के बीच मारपीट हो गई।

Updated On 2025-07-01 12:04:00 IST

आंबेडकर अस्पताल (फाइल फोटो) 

रायपुर। लचर व्यवस्था के आरोपों से घिरे आंबेडकर अस्पताल में आधी रात हंगामा हो गया। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल छोड़ने पहुंचे युवकों और इमरजेंसी ड्यूटी के डाक्टरों के बीच मारपीट हो गई। आरोप है कि युवकों के हमले से एक डाक्टर का हाथ फ्रैक्चर हो गया, वहीं दूसरे के सिर और सीने पर चोट आई है। युवकों का आरोप है कि डाक्टरों ने उनका गला दबाने का प्रयास किया। जख्मी हुए डाक्टरों ने मौदहापारा थाने में इसकी शिकायत की और जूडा के नेतृत्व में दो घंटे विरोध भी जताया।

जानकारी के अनुसार , अशोक नगर गुढ़ियारी में रहने वाले कुछ युवक एक घायल को इलाज के लिए रात लगभग दो बजे आंबेडकर अस्पताल पहुंचे थे। बताया जाता है, युवक घायल को अस्पताल में छोड़कर जाना चाहते थे, इसे लेकर वहां ड्यूटी डाक्टरों के साथ उनकी बहस हो गई। तनातनी का माहौल ऐसा बन गया कि डाक्टरों और युवकों के बीच गाली-गलौज के बाद मारपीट की स्थिति बन गई। युवकों ने आरोप लगाया कि इमरजेंसी विभाग के डाक्टरों ने उसे गला दबाकर धक्का देने का प्रयास किया, वहीं डाक्टरों आरोप लगाया कि युवकों ने हंगामा मचाते हुए उन पर हमला कर दिया। इससे ड्यूटी पर मौजूद पीजी डाक्टर कृपाशंकर के हाथ में फ्रैक्चर हो गया और डॉ. राजीव गुप्ता के सिर और सीने में चोट आई है। हंगामे के दौरान पुलिस चौकी में मौजूद जवान और सुरक्षा गार्डों ने बीच-बचाव किया। घटना की जानकारी होने पर जूनियर डाक्टरों ने दोपहर दो घंटे तक अपना काम बंद कर विरोध जताया और मौदहापारा थाने में इसकी शिकायत कराई

फिलहाल एफआईआर नहीं
मौदहापारा थाना प्रभारी ने बताया कि जूनियर डाक्टरों के अलावा दूसरा पक्ष भी मारपीट की शिकायत लेकर थाने पहुंचा था। मामले में जांच जारी है, फिलहाल किसी पर एफआईआर नहीं की गई है।

हतोत्साहित करने वाली घटना
जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रेशम सिंह ने कहा है कि, इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने की आवश्यकता है। लगातार होने वाली इस तरह की घटना डाक्टरों को हतोत्साहित करने वाली है, जिसका असर चिकित्सा सेवाओं पर भी पड़ता है। ऐसी घटनाएं अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों के उपचार में भी बाधा उत्पन्न करती है। इस घटना को लेकर जूडा काला रिबन और मास्क लगाकर अस्पतालों में होने वाली हिंसक घटनाओं की रोकथाम के उपाय पर मनन करेंगे।

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