सार्थक संवाद: गुरु खुशवंत बोले- कांग्रेस ने किया हमेशा भेदभाव, इसलिए भाजपा में गया

Exclusive : गुरु खुशवंत साहेब से हरिभूमि और आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने 'सार्थक संवाद' शो में ख़ास बातचीत ।

Updated On 2025-08-27 13:41:00 IST

गुरु खुशवंत साहेब से आईएनएच-हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी की सार्थक चर्चा 

रायपुर। कांग्रेस ने हमेशा ही हमारे समाज के साथ भेदभाव करने का काम किया है। एससी वर्ग के राष्ट्रीय अधिवेशन में अपनी बात रखने के बाद भी समाज के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई। इसलिए मैंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के नारे पर चलते हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय लगातार हमारे समाज के लिए काम कर रहे हैं। एक अलग एससी विभाग बनाकर उसका भी मुझे मंत्री बनाया गया है। समाज के लिए प्रदेश की सरकार ने खजाना खोलने का काम किया है, जबकि कांग्रेस सरकार में समाज के लिए एक पैसा नहीं मिला। यह कहना है हाल ही में साय मंत्रिमंडल में शामिल किए गए गुरु खुशवंत साहेब का। हरिभूमि-आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी की साथ खास मुलाकात के अंश।

मंत्री बनने का मौका मिलने पर कितना चौंके ?
ऐसी कोई सोच नहीं थी कि पद मिलेगा, इतना सम्मान मिलेगा। हमारी तो सोच जन सेवा करने की है। हमारा परिवार शुरू से ही जन सेवा से जुड़ा रहा है। बाबा गुरु घासीदास के संदेश और उद्देश्य को बचपन से ही जीवन में उतारा है। उसी के कारण लगातार अपने पिता के साथ सामाजिक कार्यक्रमों में जाना होता रहा है। हमारी कोई अपनी महत्वाकांक्षा नहीं है। हमारा सोचना है बस लोगों को उनका हक मिल जाए। अपना प्रदेश उन्नति करे।

जिस चेहरे मोहरे में आप कॉलेज जा सकते हैं, उसमें मंत्री बन गए, कितना भरोसा कर पा रहे हैं, अपने आप पर ?
कॉलेज की पढ़ाई की है। युवाओं के साथ जुड़े रहे हैं। युवाओं की समस्या को जानते हैं। भाजपा ने एक युवा चेहरे को आरंग से टिकट देने का काम किया। वहां से जीत मिली और अब भाजपा बड़ी-बड़ी जिम्मेदारी दे रही है। इसको निष्ठा से निभाने का काम करेंगे।


आपको विभाग मिला है तकनीकी शिक्षा, गुरु का तकनीकी शिक्षा से क्या काम ?
मैंने बीटेक किया है फिर एमटेक भी किया है। अब पीएचडी भी कर रहे हैं। इस विभाग की पढ़ाई की है। मैं अपने को खुशनसीब मानता हूं कि मुझे ऐसा विभाग मिला है। इसके लिए मैं शीर्ष नेतृत्व और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देता हूं कि मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।

आपके सार्वजनिक जीवन की शुरुआत कहां से हुई ?
मेरे पिता ने लगातार सामाजिक कार्य किए हैं। लगातार सामाजिक कार्यों को लेकर दौरा किया है। समाज के लिए जान की बाजी लगाने तक का काम किया है। पिता जी को देखकर मैं भी सामाजिक कार्यों से जुड़ा।

आपने एक धर्म गुरु के यहां जन्म लिया, धर्म से जुड़े काम करते, आप राजनीति में कैसे आ गए?
हमारे पिता जी लगातार धार्मिक कार्यों में सक्रिय रहे हैं। हमारे पिता ने हम सभी भाई-बहनों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने का भी काम किया। स्कूली शिक्षा मेरी तिल्दा के सेंचुरी सीमेंट के स्कूल में हुई। इंजीनियरिंग शंकराचार्य जुनवानी भिलाई से की। इसके बाद एमटेक किया। पढ़ाई के बाद जब घर आए तो देखा पिता दिन रात समाज के लिए काम कर रहे हैं तो हमारा भी मन किया तो हम भी जुड़ गए।

राजनीति में केवल समाज की सेवा करने के लिए आए, या फिर राजनीति में ही जलवा है, इसलिए आए?
हमें जलवा की जरूरत नहीं है। हम गुरु परिवार से आते हैं तो वैसे ही सम्मान बहुत है। हमारा उद्देश्य महज समाज सेवा ही है।

राजनीति में लाया कौन?
कौन लाया इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। पिता जी का आशीर्वाद था, उनके कहने पर ही राजनीति में आने का काम किया है। उन्होंने ही हाथ पकड़ कर राजनीति में कदम रखवाने का काम किया है। हमने सोचा सबसे पुरानी पार्टी कौन सी है तो ऐसे में कांग्रेस से जुड़ने का फैसला किया गया। हमारे पूर्वज भी पहले कांग्रेस पार्टी में रहे हैं। कांग्रेस में जाने के बाद काफी समय तक उनकी नीति को समझने का प्रयास किया। उसके माध्यम से जन सेवा भी करने का प्रयास किया। लेकिन हमने देखा किस तरह से कांग्रेस में भेदभाव की राजनीति चल रही है। किसी एक वर्ग को सम्मान दिया जा रहा है किसी एक वर्ग को छोड़ दिया जा रहा है। यह भी देखा कि किसी धर्म का अपमान भी किया जा रहा है। ये सारी चीजें हमने देखी। हम जिस समाज के हैं, उस समाज के लिए भी कोई कल्याणकारी योजनाएं नहीं निकल रही थी। इससे आहत होकर हमने अपने एससी वर्ग के राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने अपनी बात भी रखी। अपनी बात रखने के बाद भी समाज के लिए कोई योजना नहीं बनी। हमने देखा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्लोगन है, सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास । इसमें हमें हमारे परम पुज्य गुरु घासीदास बाबा का संदेश नजर आया। इसके बाद मैंने भाजपा में प्रवेश किया। मैं देख रहा हूं, समाज, प्रदेश और देश का विकास हो रहा है।

ऐसा तो नहीं कि कांग्रेस में एक गुरु, रुद्र गुरु थे, इसलिए सोचा भाजपा में चलते हैं?
रुद्र गुरु हमारे आदरणीय भैया है। ऐसा कुछ नहीं है। हमारी लगातार मुलाकात भी होती थी, लगातार चर्चाएं भी होती थीं। कांग्रेस के पांच साल के कार्यकाल में गिरौदपुरी के लिए भी कुछ काम नहीं किया गया। सतनामी समाज के साथ कांग्रेस ने भेदभाव ही करने का काम किया है। इस बात को रुद्र गुरु भी जानते हैं। उनको इस बात को पार्टी में रखना चाहिए।

रुद्र गुरु का भाजपा में कोई भविष्य देखते है?
भाजपा विश्व की सबसे विशाल पार्टी है। उनका स्वागत है, आ सकते हैं। मैं राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व से जरूर चर्चा करूंगा। वे आते हैं तो उनका स्वागत करेंगे। बड़े भाई रुद्र गुरु से भी चर्चा करेंगे, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से भी चर्चा करेंगे।

मंत्रिमंडल में पहले नहीं लिए गए थे, तब दर्शक दीर्घा में बैठे कैसा लगा था?
हमको पहली बार टिकट मिला और वह भी आरंग से। हम मायूस नहीं बहुत ज्यादा खुश थे। मुख्यमंत्री के रूप में जब विष्णुदेव साय का नाम आया तो बहुत खुश हुए। दोनों डिप्टी सीएम के नाम से भी खुशी मिली। मंत्रिमंडल में नए और अनुभवी चेहरों को मौका मिलते देखकर खुशी हुई थी।

आपके समाज में भाजपा को लेकर विश्वास नहीं दिखता है, कारण क्या है?
ऐसा नहीं है। समाज के बहुत से लोग भाजपा से भी जुड़े हैं और कांग्रेस से भी जुड़े हैं। ऐसा समय भी रहा है, जब एससी की 9 सीटें भाजपा ने जीती थीं। समाज लगातार भाजपा का समर्थन करता है। बहुत सी सीटों पर हमारे समाज का प्रभाव है। हमारे समाज के समर्थन से भाजपा जीतती है।

क्या जरूरतें हैं आपके समाज कीं।
बहुत सारी जरूरतें हैं। हमारे समाज के लोग चाहते हैं कि उनके क्षेत्र का तो विकास हो, साथ ही समाज के लोगों का शिक्षा का भी विकास हो। समाज के लिए मुख्यमंत्री लगातार काम कर रहे हैं। 

हर मामले में मुख्यमंत्री का ही नाम ले रहे हैं, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष किरण देव हैं, उनकी भी कोई भूमिका है या नहीं?
हमारे प्रदेशाध्यक्ष हैं किरण देव उनका हमेशा मार्गदर्शन मिलता है। वे लगातार मुझे अपने छोटे भाई की तरह प्रेम करते हैं। मुझे हर कार्यक्रम में ले जाते हैं।

रवींद्र चौबे का एक बयान है, उन्होंने कहा, हम चाहते हैं भूपेश बघेल एक बार फिर से सरकार का नेतृत्व करें, पार्टी का नेतृत्व करें, इस बारे में क्या कहते हैं?
भूपेश बघेल जब पांच साल सरकार में थे, तब किस प्रकार प्रदेश का बंटाधार हुआ है, सबसे देखा है। उन्होंने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी फूट डालो राज करो की नीति पर चलती है। उसी नीति पर ही भूपेश बघेल भी काम करते हैं। छत्तीसगढ़ को बर्बाद करने का काम भूपेश बघेल ने किया है। रवींद्र चौबे कहीं न कहीं उनके सहयोगी रहे हैं। उस भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हों, जो प्रदेश में किया गया, इसलिए वे चाहते हैं कि भूपेश बघेल फिर से बने। उनके रहते तो उनके जो चहेते हैं उनको ही मौका मिलता है। युवा और नए चेहरों को मौका नहीं मिलता है। प्रदेश की जनता जानती है, उनको फिर से मौका देने वाली नहीं है। आने वाले समय में हम लोग इतनी मेहनत करेंगे कि आगे भी भाजपा की सरकार बनती रहे।

कई वरिष्ठों को मौका नहीं मिला, वो शपथ ग्रहण में भी नहीं आए?
सभी ने मुझे फोन करके बधाई दी। बहुत सारे वरिष्ठ वहां पर उपस्थित भी थे। भाजपा हमेशा नए चेहरों को मौका देती है। भाजपा किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है।

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