सावधान, यहां खतरा है: अमृतधारा, रामदहा और कर्मघोघा जलप्रपात में खतरनाक स्तर पर जलधारा, सेल्फी के चक्कर में जान जोखिम में डालने से बचने की सलाह

मनेन्द्रगढ़ जिले में तेज बारिश से अमृतधारा, रामदहा और कर्मघोघा जलप्रपात खतरे के स्तर पर पहुंच चुके हैं। लोग प्रशासन की चेतावनी को नजरअंदाज कर सेल्फी के चक्कर में जोखिम उठा रहे हैं।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-07-05 12:55:00 IST

झरने के करीब खड़े हुए लोग 

रामचरित द्विवेदी - मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में इन दिनों लगातार हो रही तेज बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। जलप्रपातों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है।

इसके बावजूद कई लोग रोमांच या सोशल मीडिया के चाव में जलाशयों, झरनों और बहते जल स्रोतों के पास जाकर सेल्फी या फोटो खिंचवाने का जोखिम उठा रहे हैं, जो किसी भी वक्त जानलेवा साबित हो सकता है।

प्रशासन की चेतावनी को नजरअंदाज कर रहे लोग
प्रशासन द्वारा लगातार चेतावनी और अपील किए जाने के बावजूद, कुछ लोग कर्म घोघा, अमृतधारा जल प्रपात, जनकपुर स्थित रामदहा जलप्रपात और अन्य संवेदनशील स्थलों पर पहुंचकर अनावश्यक जोखिम उठा रहे हैं। विशेष रूप से अमृत धारा जल प्रपात, कर्म घोघेश्वर मंदिर क्षेत्र में जलस्तर अत्यधिक बढ़ गया है, लेकिन फिर भी यहां पहुँचने वाले पर्यटकों द्वारा भारी लापरवाही बरती जा रही है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जताई चिंता
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से ऐसे स्थलों पर निगरानी बढ़ाने और नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि हर साल वर्षा ऋतु में ऐसे स्थलों पर दुर्घटनाएँ होती हैं, जिनमें कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। फिर भी लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही।

जानलेवा साबित हो सकते हैं ये स्पॉट
अमृतधारा जलप्रपात – भारी जलप्रवाह, फिसलन भरी चट्टानें
कर्म घोघेश्वर धाम – तेज बहाव वाला जलस्रोत
रामदहा जलप्रपात (जनकपुर) – गहराई का अंदाज़ा लगाना मुश्किल, दुर्घटना संभावित

सोशल मीडिया की होड़ बन रही जोखिम
विशेषज्ञों का मानना है कि, सोशल मीडिया पर ‘रिल्स’ और ‘डेरिंग सेल्फी’ के चलन ने युवाओं को बिना सोचे-समझे खतरनाक स्थलों तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया है, जहां एक छोटी सी चूक भारी पड़ सकती है।

प्रशासन सख्त रुख अपनाने की तैयारी में
प्रशासन ने संकेत दिया है कि, जलाशयों और संवेदनशील पर्यटन स्थलों पर चेतावनी बोर्ड, बैरिकेडिंग, तथा गश्ती दलों की नियुक्ति की जा रही है। साथ ही, नियम उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना एवं कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान किया जा सकता है।

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