दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी: 27 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू

मुंगेली जिले में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी कर रहे 27 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है।

Updated On 2025-07-14 11:50:00 IST

 File Photo 

बिलासपुर। मुंगेली जिले में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी कर रहे 27 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। अतिरिक्त कलेक्टर की ओर से सभी विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर प्रमाण पत्रों की जांच करने और प्रतिवेदन देने कहा गया है। सभी ने श्रवण बाधित के फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नियुक्ति प्राप्त की थी। सबसे अधिक शिक्षा विभाग में इस तरह के लोग नौकरी कर रहे हैं। कलेक्टर ने इन कर्मचारियों की लिस्ट भी जारी की है। अतिरिक्त कलेक्टर द्वारा जारी पत्र के मुताबिक मेडिकल जांच कराने कई कर्मचारी नहीं पहुंच रहे हैं तो कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

दिव्यांग संघ के प्रदेश अध्यक्ष बोहित राम चन्द्राकर ने बताया कि, वर्तमान में पीएससी से सलेक्ट होकर 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 नायब तहसीलदार, 3 लेखा अधिकारी, 3 पशु चिकित्सक, 2 सहकारिता निरीक्षक सहित 21 लोग फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र लगाकर सरकारी नौकरी कर रहे हैं। मुंगेली जिले के लोरमी ब्लाक के सारधा, लोरमी, सुकली, झाफल, फुलझर, विचारपुर, बोड़तरा गांव सभी दिव्यांग प्रमाण-पत्रों पर सवाल उठ रहे हैं। 53 लोग ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। वहीं तीन लोग कृषि शिक्षक के पद पर काबिज हैं। सबसे पहले ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पद के लिए भर्ती हुई। इसमें 50 ऐसे लोगों की नियुक्ति हुई है जिन्होंने श्रवण बाधित होने का फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र पेश किया है।

मुंगेली में पदस्थ दो डाक्टरों के हस्ताक्षर से जारी हुए
2016 और 2018 में हुई भर्ती की सूची का अवलोकन करने पर एक बात जो देखने में आ रही है कि अधिकांश चयनित उम्मीदवार राजपूत, सिंह और राठौर सरनेम के हैं। यह सभी बिलासपुर, मुंगेली और जांजगीर-चांपा जिले के निवासी हैं। अधिकांश फर्जी प्रमाण पत्र भी लोरमी और जांजगीर-चांपा जिले से बनाए गए है। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के मुताबिक अधिकांश प्रमाण पत्रों में बिलासपुर और मुंगेली में पदस्थ दो डाक्टरों के हस्ताक्षर से जारी हुए हैं। इनमें से एक डाक्टर बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग में महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ हैं। संघ ने सभी विकलांग प्रमाण पत्रों की राज्य मेडिकल बोर्ड से जांच कराने की मांग की है।

प्रतिवेदन के आधार पर होगी कार्रवाई
मुंगेली अतिरिक्त कलेक्टर निष्ठा पांडे तिवारी ने बताया कि, अभी किसी भी कर्मचारी को बर्खास्त नहीं किया गया है, जो भी बातें सामने आ रहीं वह गलत हैं। फिलहाल विकलांग संघ की शिकायतों के आधार पर सभी विभाग प्रमुखों को पत्र जारी करते हुए संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ प्रतिवेदन मांगा गया है। इसमें से कई कर्मचारी मेडिकल बोर्ड के सामने भी उपस्थित नहीं हुए हैं। प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई होगी। 

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