खबर का असर: अस्पताल में महिला गार्ड लगा रही थी इंजक्शन, कलेक्टर ने तीन दिन में मांगा जवाब

गरियाबंद जिला चिकित्सालय में नर्सेस की जगह पर एक महिला गार्ड कर्मी के द्वारा मरीजों को इंजेक्शन लगाने वाले मामले पर कलेक्टर ने जिम्मेदार डॉक्टरों से जवाब मांगा है।

Updated On 2025-08-20 21:54:00 IST

खबर का असर

अश्वनी सिन्हा- गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला चिकित्सालय में नर्सेस की जगह पर एक महिला गार्ड कर्मी के द्वारा मरीजों को इंजेक्शन लगाती दिखी। जिसके बाद इस पूरे मामले को हरिभूमि डॉट कॉम ने प्रमुखता से उजागर किया था। गरियाबंद कलेक्टर बीएस यूके के नोटिस जारी कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. युए नवरत्न और सिविल सर्जन डॉ यशवंत ध्रुव से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है।

यह था पूरा मामला
गरियाबंद जिला चिकित्सालय से एक बेहद चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां नर्सेस की जगह पर एक महिला गार्ड कर्मी के द्वारा मरीजों को इंजेक्शन लगाती दिखी। जबकि, डॉक्टर और नर्स ड्यूटी से गायब थे। इस घटना की तस्वीर सामने आने के बाद जिला चिकित्सालय सवालों के घेरे में आ गया है। गरियाबंद के रहने वाले एक युवक योगेश बघेल जो अपने भतीजे को लेकर उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लेकर गए थे। जहां डॉक्टर के द्वारा उनके भतीजे को इंजेक्शन लाने कहा। लेकिन वहां मौजूद डॉक्टर और नर्स ने उन्हें वर्ड नंबर 23 जाने को कहा। जब वो वहां पहुंचे तो उन्होंने वहां देखा कि, एक महिला गार्ड कर्मी के द्वारा इंजेक्शन लगा जा रहा था।

सिविल सर्जन ने कर्मचारियों के हड़ताल का हवाला देकर झाड़ा पल्ला
जब इस पुरे मामले में जानकारी मिलने पर जब सिविल सर्जन यशवंत ध्रुव से संपर्क कर बात किया तो उन्होंने NHM कर्मचारियों के हड़ताल का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया।

सवालों के घेरे में अस्पताल प्रबंधन
इस घटना की तस्वीर सामने आने के बाद लोगों का कहना है कि, अस्पताल की व्यवस्था अब नर्स के भरोसे नहीं, बल्कि, गार्ड के भरोसे रह गई है। लेकिन सवाल उठता है कि, जब उसके पास ना मेडिकल डिग्री है और ना जानकारी को किस हिसाब से उसे मरीजों को इंजेक्शन लगवाया जा रहा है। बहरहाल, अब देखने वाली बात यह होगी कि, इस पर स्वास्थ्य विभाग क्या एक्शन लेता है।

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