फिंगेश्वर में दिखा महाबंद का असर: लोगों ने दुकाने बंद कर किया प्रदर्शन, कृषि महाविद्यालय बनाने की मांग को लेकर अड़े

गरियाबंद जिले में कृषि महाविद्यालय भवन की मांग को लेकर लोगों ने शहर बंद कर प्रदर्शन किया। महाबंद के दौरान फिंगेश्वर में सभी दुकाने बंद नजर आई।

Updated On 2025-08-21 09:38:00 IST

महाबंद के दौरान शहर के सभी दुकानों में जड़ा ताला 

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर में महाबंद का दिखा व्यापक असर देखने को मिला। यहां के लोगों ने कृषि महाविद्यालय भवन निमार्ण की मांग को लेकर महाबंद का ऐलान किया है। जिसके कारण नगर के सभी दुकान बंद दिखाई दिए। फिंगेश्वर शहरवासी दुकाने बंद कर के प्रदर्शन कर रहे हैं। यह महाबदं दो दिनों तक जारी रहेगा। कृषि महाविद्यालय का भवन आठ साल से नहीं बना है जिसके कारण लोगों में आक्रोश है।


कर्मचारियों का शुक्रवार से आंदोलन
वहीं छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवक एक बार फिर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। क्रमबद्ध रूप से होने वाले आंदोलन के तहत 22 अगस्त को राज्यभर में कलमबंद हड़ताल होगी। इसके बाद भी अगर मांग नहीं मानी गई, तो अक्टूबर से बेमुद्दत हड़ताल होगी। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के इस आह्वान को राजपत्रित अधिकारियों के संगठन का भी समर्थन मिल गया है।

इसलिए कर रहे हैं आंदोलन
राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा ने बताया कि, कई वर्षों से कर्मचारी वर्ग अपनी जायज मांगों को लेकर ज्ञापन, पत्राचार और शांतिपूर्ण विरोध करता आ रहा है, लेकिन सरकार की ओर से सकारात्मक पहल नहीं हुई है। ऐसे में अब कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रांतीय बैठक में अविनाश तिवारी, नंदलाल चौधरी, दिलदार सिंह मरावी, पूषण साहू, युगल वर्मा, ईश्वरी साहू, के के ध्रुव, एस के साहू, सुनील उपाध्याय, मीनू दास, नीरज शाह, राजेश गुप्ता, आर डी मेहरा सहित भारी संख्या में राजपत्रित अधिकारी उपस्थिति रहे ।

राजपत्रित अधिकारी भी आए साथ
इस आंदोलन के सिलसिले में छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ की आपात बैठक इंद्रावती भवन में आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा ने अधिकारियों को आंदोलन की रणनीति, मांगों की वैधता और सरकार की उदासीनता से अवगत कराते हुए आंदोलन को प्रदेशभर में सफल बनाने का आह्वान किया। इस प्रस्ताव का सर्वसम्मति से समर्थन किया गया। प्रदेश अध्यक्ष ने विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ अधिकारियों को जिला, ब्लॉक स्तर तक कार्यरत अधिकारियों को आंदोलन में शामिल होने के लिए ठोस रणनीति बनाने के लिए सुझाव दिया।

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