करंट से युवक की मौत के बाद उबाल: धरने पर बैठे ग्रामीणों को पुलिस ने हटाया, 10 लाख मुआवजा देने पर बनी सहमति
तिल्दा के छपोरा भींभौरी में गुरुदेव प्लांट में करंट से युवक की मौत के बाद उग्र प्रदर्शन। 10 लाख रुपयों के मुआवजे पर सहमति दी गई।
धरना प्रदर्शन करते हुए ग्रामीण
दिलीप वर्मा - तिल्दा-नेवरा। छत्तीसगढ़ के तिल्दा नगर के समीप ग्राम पंचायत छपोरा भींभौरी स्थित गुरुदेव एब्रेसिव प्लांट में शनिवार को काम के दौरान करंट लगने से 22 वर्षीय युवक हर्ष यादव की मौत हो गई। मृतक रजिया गांव का निवासी था। इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को प्लांट के सामने रखकर मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
तत्काल 50 हज़ार रुपयों की सहायता राशि की घोषणा
दो दिनों तक चले इस आंदोलन में जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल हो गए। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा, नौकरी और प्लांट में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। हालात तनावपूर्ण होते देख रायपुर से भारी संख्या में पुलिस बल बुलाया गया। मौके पर ग्रामीण एसपी कीर्तन राठौर, एडिशनल एसपी, सीएसपी, एसडीएम, तहसीलदार, थानेदार और महिला-पुरुष बल मौजूद रहे। शुरुआत में प्लांट प्रबंधन ने 3 लाख रुपए देने की पेशकश की, जिसे परिजनों और ग्रामीणों ने ठुकरा दिया। अंततः प्लांट प्रबंधन ने 10 लाख रुपए मुआवजा और 50 हज़ार तत्काल सहायता राशि देने की घोषणा की।
मुआवजा देने के बाद भी नहीं बनी बात
इसके बाद भी जब प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं हुए, तो पुलिस ने धरने पर बैठे ग्रामीणों को बसों में बैठाकर विधानसभा थाना भेज दिया। वहीं, मृतक का शव एंबुलेंस से तिल्दा चिरघर भेजा गया। नेवरा थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह श्याम तथा दूसरे प्लांटों के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और परिजनों को चेक सौंपने की प्रक्रिया में शामिल हुए।
यह हादसा संयंत्र प्रबंधन की लापरवाही और मजदूरों के शोषण - स्थानीय ग्रामीण
ग्रामीणों का आरोप है कि, प्लांट में सुरक्षा उपकरणों की घोर कमी है और मजदूरों से अमानवीय तरीके से घंटों काम कराया जाता है। उनका कहना है कि, यह हादसा संयंत्र प्रबंधन की लापरवाही और मजदूरों के शोषण का नतीजा है। धरना समाप्त करवाकर ग्रामीणों को थाने ले जाया गया है, लेकिन उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, इसकी अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।