एक्शन में ACB: दुर्ग में बोरी तहसील कार्यालय का बाबू रिश्वत लेते पकड़ाया, जमीन नामांतरण के लिये मांगे थे पैसे

ACB ने दुर्ग जिले के बोरी तहसील कार्यालय के बाबू वीरेंद्र तुरकाने और रायपुर के पटवारी पुष्पेंद्र गजपाल को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

Updated On 2025-07-03 18:43:00 IST

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी 

दुर्ग। छत्तीसगढ़ में रिश्वतखोरी को लेकर एसीबी मोड में है। गुरुवार को एसीबी ने दुर्ग जिले के बोरी तहसील कार्यालय के बाबू वीरेंद्र तुरकाने और रायपुर के पटवारी पुष्पेंद्र गजपाल को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 एवं 12 पीसीएक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है।

दुर्ग में एसीबी ने तहसील कार्यालय के बाबू को रिश्वत लेते हुए पकड़ा
दुर्ग निवासी प्रार्थी झनेन्द्र कुमार ने एसीबी रायपुर में शिकायत दर्ज करवाई थी कि, उनके द्वारा ग्राम टेकापारा में जमीन खरीदी गई है, जिसके नामांतरण के लिये तहसील कार्यालय बोरी के बाबू वीरेन्द्र तुरकाने से संपर्क करने पर उनके द्वारा 04 जमीन के नामांतरण के लिये प्रति जमीन 5,000 रूपये के हिसाब से 20,000 रूपये रिश्वत की मांग की गई है। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन दौरान मोलभाव करने पर आरोपी द्वारा 17,500 रुपए लेने पर सहमत हुआ। 03 जुलाई को ट्रेप आयोजित कर प्रार्थी से बाबू वीरेन्द्र तुरकाने को 17,500 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है। 

अभनपुर में पटवारी रिश्वत लेते पकड़ाया
वहीं रायपुर के प्रार्थी जयवर्धन बघेल ने ACB में शिकायत की गई थी कि उनके द्वारा ग्राम गोतियाडीह में जमीन खरीदी गई है, जिसके नामांतरण के लिये पुष्पेन्द्र गजपाल, पटवारी, गोतियाडीह अभनपुर द्वारा 8,000 रूपये रिश्वत की मांग की गई है। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पश्चात् 3 जुलाई को ट्रेप आयोजित कर प्रार्थी से पटवारी पुष्पेन्द्र गजपाल एवं उनके सहयोगी गौतम कुमार, कोटवार, नायकबांधा अभनपुर को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 एवं 12 पीसीएक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है।

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