चिंतन शिविर 2.0: सीएम साय समेत मंत्रियों ने किया योगाभ्यास, बोले- योग मन और शरीर को रखता है स्वस्थ्य

चिंतन शिविर 2.0 के दूसरे दिन सीएम साय समेत तमाम मंत्रियों ने योगाभ्यास कर दिन की शुरुआत की। इस दौरान सीएम साय ने कहा- योग हमें प्रकृति के अधिक समीप लाता है।

Updated On 2025-06-09 11:20:00 IST

चिंतन शिविर में योगाभ्यास करते हुए सीएम साय और अन्य मंत्री

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ के चिंतन शिविर 2.0 का आज दूसरा दिन है। इस दौरान सीएम विष्णुदेव साय समेत तमाम मंत्रियों ने योगाभ्यास किया। सभी ने IIM नवा रायपुर परिसर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में योग किया। इस बीच सीएम साय ने कहा- योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि मन को भी शांत करता है। योग हमें प्रकृति के अधिक समीप लाता है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) नवा रायपुर परिसर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ योगासन कर चिंतन शिविर 2.0 के दूसरे दिन की शुरुआत की। उन्होंने योग को स्वस्थ जीवनशैली का आधार बताते हुए कहा कि, योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को भी शांत करता है और हमें प्रकृति के अधिक समीप लाता है। यह योगाभ्यास न केवल एक प्रेरणादायक पहल थी, बल्कि प्रदेश में स्वास्थ्य एवं संतुलित जीवनशैली को प्रोत्साहित करने का भी सशक्त संदेश था।


पहले दिन कई विषयों पर हुई चर्चा
चिंतन शिविर 2.0’ को लेकर सीएम साय ने कहा कि, ‘चिंतन शिविर 2.0’ जैसे प्रशिक्षण सत्र शासन को नया दृष्टिकोण और नीति निर्माण प्रक्रिया को सशक्त बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से मंत्रीगणों को सुशासन और परिवर्तनकारी नेतृत्व के महत्वपूर्ण गुर सीखने का अवसर मिलता है। आईआईएम रायपुर में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर के प्रथम सत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य के सभी मंत्रीगण शामिल हुए। इस सत्र में परिवर्तनकारी नेतृत्व, दूरदर्शी शासन, संस्कृति, सुशासन’ और ‘राष्ट्र निर्माण’ जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।

राष्ट्र निर्माण केवल नैतिक मूल्यों से संभव
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने ‘संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण’ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि, भारत की एकता केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भी है। राष्ट्र निर्माण केवल नीतियों या संसाधनों से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और नैतिक मूल्यों से संभव है। उन्होंने अंत्योदय के महत्व पर बल देते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण को सुशासन की प्राथमिकता बताया।

चिंतन शिविर जैसे आयोजन शासन को नई दिशा और ऊर्जा देते हैं
सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि, चिंतन शिविर जैसे आयोजन शासन को नई दिशा और ऊर्जा देते हैं। उन्होंने दोनों विशेषज्ञ वक्ताओं के विचारों को अत्यंत प्रेरणादायक और नीति-निर्माण के लिए उपयोगी बताया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के विशेष सचिव रजत बंसल, भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर के निदेशक राम काकाणी और सभी मंत्रीगण उपस्थित थे।

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