गोद के नियम हुए सरल: दो साल में 26 बच्चों को मिल गए पालक, इनमें 6 विदेश गए

कारा के तहत बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया और नियम में सरलीकरण होने के बाद अब देश के विभिन्न राज्यों के साथ विदेश में रहने वाले परिवार भी बच्चों को गोद ले रहे हैं।

Updated On 2025-08-02 12:00:00 IST

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लक्ष्मण लेखवानी - रायपुर। केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) के तहत बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया और नियम में सरलीकरण होने के बाद अब देश के विभिन्न राज्यों के साथ विदेश में रहने वाले परिवार भी बच्चों को गोद ले रहे हैं। पिछले दो साल के दौरान छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले से ही 6 बच्चों को विदेश में रहने वाले परिवारों ने गोद लिया है, जिनमें दो बालक एवं 4 बालिकाएं हैं। इन बच्चों में तीन बच्चे कनाडा, दो यूएसए तथा एक सिंगापुर में गोद दिए गए हैं। प्रदेश के आंकड़े और भी उत्साहजनक हैं।

16 बच्चे छत्तीसगढ़ से बाहर दिए गए गोद
महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत रायपुर जिले में संचालित दत्तक ग्रहण केंद्रों से पिछले करीब तीन साल में 26 बच्चे गोद दिए गए हैं। इनमें से 6 बच्चों को विदेश में रहने वाले परिवारों ने गोद लिया है। इनमें यूएसए, कनाडा और सिंगापुर जैसे देश शामिल हैं। इसके अलावा 16 बच्चे छत्तीसगढ़ से बाहर देश के दूसरे राज्यों के शहरों में दिए गए हैं, जिनमें बेंगलुरु, जबलपुर, दिल्ली, हैदराबाद, सिरसा रोड हिसार हरियाणा, नारायणपुरा बेंगलुरु कर्नाटक, नागेर बाजार कोलकाता, मोहाली पंजाब, बैतूल मध्यप्रदेश, संबलपुर ओड़िशा, मंडला मध्यप्रदेश शामिल है। इसी प्रकार 4 बच्चे प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा एवं रायगढ़ में गोद दिए गए हैं।

बालिका गोद लेने आवेदन ज्यादा
कारा के तहत गोद लेने के लिए ज्यादातर बालिका के लिए आवेदन किए जा रहे हैं। रायपुर जिले में पिछले दो साल में गोद दिए बच्चों में बालक की तुलना में बालिका की संख्या ज्यादा है। 26 बच्चों में 9 बालक तथा 17 बालिकाएं हैं, जिन्हें गोद लिया है। विदेश गए बच्चों में भी बालिका की संख्या ज्यादा है।

विदेश में दिए बच्चे की निगरानी केंद्र स्तर पर
विभागीय अधिकारियों के अनुसार गोद देने की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर ऑर्डर जारी होने तक देश के अंदर बच्चे की निगरानी जिला स्तर पर तथा विदेश में गोद दिए बच्चे की केंद्र की टीम है। गोद देने की प्रक्रिया के दौरान पूरी सावधानी बरती जाती है। इसके लिए बच्चे को एक माह से लेकर तीन माह तक ट्रायल के रूप में संबंधित परिवार को सौंपा जाता है। इस दौरान परिवार और बच्चे पर निगरानी रखी जाती है कि बच्चा जिस परिवार में गया है, वहां वह खुश है या नहीं, उसका लालन-पालन ठीक से किया जा रहा है या नहीं। इसके बाद ही जिला दंडाधिकारी अंतिम आदेश जारी करता है, जिसके बाद बच्चे को आवेदक को सौंपा दिया जाता है।

विदेशी दंपती भी गोद ले रहे
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी शैल ठाकुर ने बताया कि,गोद लेने की प्रक्रिया-नियम का सरकार ने सरलीकरण किया है। इसके बाद कारा के माध्यम से आसानी से देश-विदेश के जरूरतमंद दंपती या सिंगल महिला बच्चा गोद ले पा रहे हैं। विदेश में रायपुर से 6 बच्चे गोद दिए हैं।

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