नेशनल हाईवे पर बड़ा हादसा: अज्ञात वाहन ने 19 गोवंश को कुचला, हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी नहीं जागा प्रशासन

बिलासपुर जिले के नेशनल हाईवे में आधी रात को अज्ञात वाहन की टक्कर से 19 मवेशियों की दर्दनाक मौत हो गई।

Updated On 2025-07-28 20:41:00 IST

सड़क पर बैठी हुई गाय 

पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के नेशनल हाईवे पर तेज रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है और इसकी सबसे बड़ी कीमत चुका रहे हैं बेजुबान मवेशी। हाईकोर्ट की सख्त फटकार के बाद भी न शासन जागा, न प्रशासन और न ही निगम। ताजा मामला मस्तूरी थाना क्षेत्र के कड़ार का है, जहां आधी रात को अज्ञात वाहन की टक्कर से 19 मवेशियों की दर्दनाक मौत हो गई। इससे पहले रतनपुर के बारीडीह में भी ऐसा ही हादसा हो चुका है। सवाल यही है कि जब हाईकोर्ट इस पर स्वतः संज्ञान ले चुका है, तब भी जिम्मेदार क्यों मौन हैं?

आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ के नेशनल हाईवे अब मवेशियों के लिए कब्रगाह बनते जा रहे हैं। कभी रात के अंधेरे में तो कभी दिन- दहाड़े हाईवे पर बैठे मवेशियों को रफ्तार रौंद देती है। ताजा मामला मस्तूरी के कड़ार गांव के पास का है, जहां रविवार देर रात तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने सड़क किनारे बैठे मवेशियों को कुचल दिया। इस भीषण हादसे में मौके पर ही 19 मवेशियों की मौत हो गई। स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक यहां लंबे समय से मवेशी खुले में घूम रहे हैं, लेकिन न निगम ने इन्हें पकड़ने की कोशिश की और न ही सड़क पर कोई चेतावनी चिन्ह या रफ्तार नियंत्रण की व्यवस्था की गई। कुछ दिन पहले भी रतनपुर थाना क्षेत्र के बारीडीह के पास ऐसा ही मंजर सामने आया था, जहां 14 मवेशियों की जान गई थी।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर मांगा था जवाब
लगातार हो रही मवेशियों की मौत पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस, नगर निगम और शासन से जवाब तलब किया था। कोर्ट ने साफ निर्देश दिया था कि सड़क सुरक्षा और पशु कल्याण दोनों को प्राथमिकता दी जाए। लेकिन कड़ार और बारीडीह की ये घटनाएं बताती हैं कि हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी जमीनी हालात नहीं बदले। इधर, गौ रक्षा से जुड़े संगठनों ने राज्य सरकार से मांग की है कि गौ माता को 'राष्ट्रमाता' घोषित किया जाए,गौमाताओं के लिए अलग चिकित्सालय और एंबुलेंस की सुविधा दी जाए, हर शहर में गौशालाओं के लिए समुचित भूमि आवंटित हो।

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