मुआवजा के लिए झूठी रिपोर्ट: डेढ़ साल बाद शव का फिर से हुआ पोस्टमार्टम

8 मई को पुलिस ने वकील, डॉक्टर और मृतक के परिजनों समेत 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है।

Updated On 2025-06-01 12:36:00 IST

 बिल्हा पुलिस

बिलासपुर। सर्पदंश का फर्जी पीएम रिपोर्ट बनाकर मुआवजा लेने का मामला सामने आ चुका है। इस मामले में 8 मई को पुलिस ने वकील, डॉक्टर और मृतक के परिजनों समेत 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। शनिवार को बिल्हा पुलिस ने एसडीएम और तहसीलदार की उपस्थित शव को निकाला और सिम्स में दोबारा पीएम किया गया है। 8 मई को मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि, शिवकुमार घृतलहरे उम्र 36 वर्ष ने कर्ज से परेशान होकर जहर खा लिया था। परिजन और वकील ने मौत के मामले को सर्पदंश का मामला बनाने की कोशिश की थी। पूरी साजिश शासकीय मुआवजा राशि 4 लाख रूपए के लिए रची गई।

मामले का मास्टरमाइंड वकील कामता साहू निकला है। वहीं मामले में सिम्स की डॉक्टर प्रियंका सोनी पर फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने का आरोप है। पुलिस ने 420, 120बी समेत गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई करते हुए 31 मई को शव को जमीन से निकालकर सिम्स मरच्यूरी भेज दिया, इस दौरान बिल्हा एसडीएम और तहसीलदार के साथ ही पुलिस के बड़े अधिकारी मौजूद रहे। वहीं पूरा गांव भी घटना स्थल पर मौजूद रहा ।

ऐसे हुआ खुलासा
खास बात यह है कि पंचनामा करने वाले पुलिस अधिकारी ने शव निरीक्षण के दौरान पैर में सांप काटने का निशान नहीं पाया। इसके बाद अधिकारी ने सिम्स में इलाज कर रहे डाक्टर से जानकारी ली, जिसमें उसकी मृतक की मौत शराब एवं जहर पीने से होने की बात सामने आई और संर्प दंश से मौत होने का खंडन कर दिया। एक ही मौत पर दो अभिमत मिलने के बाद पुलिस का माथा ठनका और इसकी जानकारी आला अधिकारियों को दी गई। पुलिस ने परिजनों से कड़ी पूछताछ की गई। इस दौरान वकील कामता प्रसाद साहू ने मुआवजे का लालच देकर परिजनों से झूठा बयान दिलाया था। मामले में एसएसपी ने गहन जांच के निर्देश दिए थे।

मामले की विवेचना जारी
बिल्हा टीआई उमेश साहू ने बताया कि, दो दिनों के प्रयास के बाद शनिवार को शव निकाला गया है, सिम्स में परिजन व अधिकारियों की उपस्थिति में पीएम कराया गया है। मामले की विवेचना जारी है, फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।


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