मनरेगा कर्मचारियों का ईपीएफ राशि घोटाला: लाखों की हुई हेराफेरी, लेखापाल और डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार

बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर में मनरेगा कर्मचारियों के ईपीएफ फंड से 11 लाख 26 हजार गबन का मामला सामने आया है। लेखापाल और डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-07-30 10:08:00 IST

पुलिस की गिरफ्त में दोनों आरोपी

कृष्ण कुमार यादव - बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से एक बड़े घोटाले का मामला सामने आया है। मनरेगा कर्मचारियों के ईपीएफ की राशि गबन करने का मामला सामने आया है। जिसमें लेखापाल और डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार किया गया है।

जानकारी के अनुसार, जून 2023 से जून 2025 ईपीएफ की राशि 11 लाख 26 हजार का गबन किया था। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए लेखापाल वीरेंद्र यादव और डाटा एंट्री ऑपरेटर भगवान सिंह को गिरफ्तार लिया हैं। भगवान सिंह की पत्नी के खाते में राशि का ट्रांसफर किया गया था। इस मामले में वाड्रफनगर जनपद पंचायत सीईओ ने एफआईआर दर्ज कराई थी। यह पूरा मामला वाड्रफनगर चौकी क्षेत्र का है।

राशन घोटाले का पर्दाफाश
वहीं 9 जुलाई को रायगढ़ जिले में पुसौर ब्लॉक के कांदागढ़ गांव में शासकीय उचित मूल्य दुकान में हुए बड़े राशन घोटाले का भंडाफोड़ हुआ था। वर्ष 2018 में हुई इस गड़बड़ी में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों में गौरहरि निषाद, टीकेश्वर सेठ, प्रशांत सेठ और सोमति सिदार शामिल थे। ये सभी कांदागढ़, थाना पुसौर क्षेत्र के निवासी हैं।

इतना सामन किया गया था गबन
फूड ऑफिसर अंजनी राव की शिकायत पर इस मामले की जांच शुरू की गई थी, जिसमें सामने आया कि 232 क्विंटल चावल, 14 क्विंटल शक्कर, 4 क्विंटल नमक और 1369 लीटर केरोसिन तेल का गबन किया गया। इस हेराफेरी से शासन को लाखों रुपये का नुकसान हुआ था।

चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया जेल
मामले में पुलिस ने धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), 34 IPC (सामूहिक अपराध) और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया है। चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था। यह घोटाला लंबे समय से प्रशासन की नजर में था और अब जांच की गति तेज होने से दोषियों पर कार्रवाई शुरू हो गई थी।

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