हिंसा से सबक: बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट मार्ग पर कड़ा सुरक्षा घेरा, दोनों छोर पर लगे 12 फीट ऊंचे लोहे के गेट

बलौदाबाजार जिले में 10 जून की हिंसा के बाद कलेक्ट्रेट मार्ग पर सुरक्षा बढ़ाई गई। दोनों छोर पर 12 फीट ऊंचे लोहे के गेट लगाए गए, जिससे प्रदर्शनकारी अब परिसर तक नहीं पहुंच सकेंगे।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-05-14 13:44:00 IST

सुरक्षा के लिए लगाए गए लोहे के गेट 

कुश अग्रवाल - बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में 10 जून को हुई हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद जिला प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब कलेक्ट्रेट मार्ग को पूरी तरह से सुरक्षित और नियंत्रित क्षेत्र घोषित करते हुए उसके दोनों छोरों पर लगभग 12 फीट ऊंचे लोहे के जालीदार गेट लगाए जा रहे हैं। यह सुरक्षा कवच संयुक्त जिला कार्यालय परिसर को किसी भी अनाधिकृत प्रवेश या संभावित प्रदर्शन से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

धरना या प्रदर्शन नहीं पहुंच पाएंगे कलेक्ट्रेट
यह गेट तहसील कार्यालय से शुरू होकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निवास के समीप तक लगभग 300 मीटर की दूरी तक स्थापित किया जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत अब किसी भी प्रकार के धरना या प्रदर्शन को कलेक्ट्रेट परिसर तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। प्रदर्शनकारियों को परिसर से करीब 100 मीटर पहले ही रोक दिया जाएगा। 


संवेदनशील मामला है
जिला प्रशासन का मानना है कि, इतनी ऊंचाई का यह गेट किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति या समूह द्वारा पार करना संभव नहीं होगा। कलेक्ट्रेट मार्ग को संवेदनशील मानते हुए यह निर्णय लिया गया है, क्योंकि इस परिसर के भीतर जिले के सभी महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय स्थित हैं।

मजबूत लोहे के गेट लगाए जाएंगे
10 जून को हुई हिंसा और आगजनी की घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए थे। इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने दोनों छोरों पर लगभग 40 फीट चौड़ा मार्ग पूरी तरह से बंद कर मजबूत लोहे के गेट लगाने का निर्णय लिया है।

10 जून को हुई थी हिंसा
10 जून को बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में एक सभा आयोजित की गई थी। जिसमें सतनामी सामाज के लोगों को शामिल होने के लिए बुलाया गया था। इस सभा पूरे प्रदेश भर से दस हजार लोग शामिल होने पहुंचे थे। दशहरा मैदान में जब सभा शुरू हुई तो यहां उपस्थित भीड़ ज्ञापन सौंपने रैली के रूप में कलेक्ट्रेट कार्यालय की ओर आक्रोशित होकर हिंसक भीड़ में तब्दील हो गई। उपद्रव करते हुए हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया था।

Similar News