गॉस मेमोरियल की जमीन प्रशासन ने लिया कब्जे में: राजस्व न्यायालय के फैसले के बाद प्रशासन का एक्शन
राजभवन के पास पांच दशक पुरानी गॉस मेमोरियल मैदान, बाबर बंगला सहित 6 एकड़ जमीन को जिला प्रशासन ने सोमवार को अपने कब्जे में ले लिया।
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रायपुर। राजधानी के सिविल लाइन इलाके में राजभवन के पास पांच दशक पुरानी गॉस मेमोरियल मैदान, बाबर बंगला सहित 6 एकड़ जमीन को जिला प्रशासन ने सोमवार को अपने कब्जे में ले लिया। निगम आयुक्त विश्वदीप के निर्देश पर जोन 4 कमिश्नरी ने स्थल पर पहुंचकर जमीन को कब्जे में लेने की कार्रवाई की। निगम अमले ने वहां सीमेंट पोल से चारदीवारी बनाकर नोटिस भी लगा दिया। यह जमीन यूनाईटेड चर्च नार्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसियेशन से राज्य सरकार को निहित हो गयी है। हिन्दू स्वाभिमान संगठन ने शहर के प्राइम लोकेशन पर स्थित इस बेशकीमती जमीन को नए. सिरे से डेवलप करने निगम आयुक्त को पत्र लिखा है। इसमें शासकीय भूमि को आक्सीजोन के साथ खेल मैदान, ओपन एयर थियेटर, बच्चों का खेल क्षेत्र, जिम एवं फूड कोर्ट जैसी आधुनिक सुविधाएं शहरवासियों को उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।
दरअसल, राजस्व न्यायालय के फैसले के बाद जिला प्रशासन ने सिविल लाइन इलाके की गॉस मेमोरियल मैदान को अपने कब्जे में ले लिया है, साथ ही बाबर बंगला सहित आसपास की 6 एकड़ जमीन को अपने कब्जे में ले ली है। जमीन की लीज खत्म होने के बाद भी सीएनआई के कब्जे में था। इसे 1922 में सीएनआई ट्रस्ट को लीज पर दिया गया था। लीज अवधि 2022 को खत्म हो गयी थी। इस जमीन में गॉस मेमोरियल मैदान के अलावा उससे लगा बाबर बंगला भी है, जिसमें क्वार्टर बने हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, इसका बाजार मूल्य करीबन 300 करोड़ आंका गया है। लीज खत्म होने के बाद शासन की जमीन को जिला प्रशासन को सौंपने हिन्दू स्वाभिमान संगठन ने नजूल शाखा कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विश्वदिनी पांडे ने नजूल पर स्थित जमीन के व्यवसायिक व अन्य तरीके से उपयोग कर धर्नाजन करने पर एतराज करते हुए मामले को प्रमुखता से उठाया।
ओपी चौधरी ने अपने कार्यकाल में यह अभिमत दिया कि शिकायत सही है
सूत्रों के मुताबिक, तत्कालीन जिला कलेक्टर ओपी चौधरी ने अपने कार्यकाल में यह अभिमत दिया कि शिकायत सही है, और संबंधित जमीन का दुरुपयोग हो रहा है। इसे कब्जा मुक्त करवा कर शासन में लिया जाये। इस संबंध में आदेश भी जारी किया गया। इस बीच प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। संगठन ने अपनी लड़ाई जारी रखी। लंबी सुनवाई के बाद राजस्व न्यायालय ने पिछले सप्ताह सीएनआई को कब्जा छोड़ने और जिला प्रशासन को कब्जा देने का आदेश दिया था। इसके तहत नगर निगम जोन 4 कमिश्नरी ने निगम आयुक्त के निर्देश पर सोमवार को जमीन का कब्जा लेने कार्रवाई की। यह कार्रवाई सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चली।
कब्जे वाली जमीन में सीमेंट के पोल लगाकर चारदीवारी
नगर निगम जोन 4 कमिश्नरी क्षेत्र स्थित गॉस मेमोरियल मैदान, बाबर बंगला सहित अन्य जमीन को जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है। जोन कमिश्नर अरुण ध्रुव की टीम ने स्थल पर पहुंचकर संबंधित जमीन को सुरक्षित करने सीमेंट के पोल लगाकर बाउंड्री बनाने का काम शुरू कराया, साथ ही नोटिस भी लगा दिया गया है।
सीमांकन कराकर सुरक्षित किया है
रायपुर नगर निगम के आयुक्त विश्वदीप ने बताया कि, गॉस मेमोरियल खेल मैदान सहित आसपास की 6 एकड़ जमीन का एसडीएम की मौजूदगी में सीमांकन कराकर सुरक्षित किया गया है। शासन के निर्देश अनुसार इस पर डेवलपमेंट के लिए नए सिरे से प्लान किया जाएगा।
30 किराएदार को खाली कराने की जगह 6 को नोटिस की खानापूर्ति
गॉस मेमोरियल से लगी जमीन पर करीब 30 किराएदारों को खाली कराने की मांग विश्व हिन्दू परिषद के घनश्याम चौधरी और बजरंग दल के रवि वाधानी ने निगम के अधिकारियों से की है। उनका कहना है कि नगर निगम ने महज 6 किराएदारों को जगह खाली करने का नोटिस देकर महज खानापूर्ति की है, जबकि संबंधित जमीन पर 30 किराएदारों को नोटिस देकर खाली कराने की जरूरत है। जिला प्रशासन के आदेश पर पूरी 6 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाये।