छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी गूंजेगा वंदे मातरम: शीत सत्र का बढ़ सकता है समय , 17 की जगह 19 तक चलने के आसार
छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र पहली बार 14 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है, लेकिन खास बात ये है कि इस सत्र के दौरान सदन में वंदेमातरम पर भी चर्चा होगी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र पहली बार रविवार 14 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है, लेकिन खास बात ये है कि इस सत्र के दौरान सदन में वंदेमातरम पर भी चर्चा होगी। इसके लिए विधानसभा का सत्र जो 17 तारीख को समाप्त हो रहा था, अब 18 दिसंबर के अवकाश के बाद 19 तारीख तक चलेगा, ऐसा बताया जा रहा है।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने हरिभूमि को यह जानकारी देते हुए बताया कि, विधानसभा के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में बदलाव ही वंदेमातरम पर चर्चा के लिए किया गया है। हाल के वर्षों में संभवतया यह पहला अवसर है जब शीतकालीन सत्र की अवधि एक दिन के लिए बढ़ाई गई है। राज्य के लिए विधानसभा का यह सत्र पहले ही इसलिए गौरवशाली होने वाला है कि नवा रायपुर में नवनिर्मित विधानसभा भवन में पहली बार एक संपूर्ण सत्र की शुरुआत के साथ यह सदन शुरू होने वाला है। राज्य स्थापना वर्ष के मौके पर नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए विधानसभा भवन का लोकार्पण किया था।
संसद की तरह यहां भी वंदेमातरम पर चर्चा
खास बात ये है कि, शीतकालीन सत्र में एक दिन की अवधि बढ़ाकर एक दिन की विशेष बैठक वंदेमातरम पर रखी गई है। इससे पहले संसद में यह कार्यक्रम इसलिए किया गया था, क्योंकि वंदेमातरम की रचना के 150 साल पूरे हुए हैं। 1870 के दशक में लिखे गए इस गीत के 150 साल पूरे होने के अवसर पर सरकार ने इसे श्रद्धांजलि देने और इसके ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालने के लिए चर्चा का प्रस्ताव रखा। स्वतंत्रता संग्राम में भूमिकाः सरकार ने इसे राष्ट्र के स्वतंत्रता आंदोलन का एक शक्तिशाली प्रतीक बताया, जिसने हर भारतीय को प्रेरित किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष का आधार बना। इस कार्यक्रम को लेकर सियासत भी तेज हुई थी। संसद में विपक्षी कांग्रेस ने इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप किए थे, लेकिन इधर छत्तीसगढ़ में यही चर्चा होने से माना जा रहा है कि विधानसभा में सियासी आरोप-प्रत्यारोप से गरमाएगी।