पुलिस को मनगढ़ंत कहानियां सुना रहा सूदखोर तोमर: विधायक बनने के लिए करणी सेना के नाम पर कराता था धार्मिक आयोजन

सूदखोरी के धंधे से रईसों की जिंदगी जीने वाले सूदखोर भाई वीरेंद्र तथा रोहित तोमर में से पुलिस अब तक विरेंद्र को गिरफ्तार कर पाई है।

Updated On 2025-11-13 12:41:00 IST

सूदखोर वीरेंद्र तोमर का जुलूस निकालती हुई पुलिस

रायपुर। सूदखोरी के धंधे से रईसों की जिंदगी जीने वाले सूदखोर भाई वीरेंद्र तथा रोहित तोमर में से पुलिस अब तक विरेंद्र को गिरफ्तार कर पाई है, उसके छोटे भाई की पुलिस अब तक पतासाजी नहीं कर पाई है। वीरेंद्र की गिरफ्तारी उसके खिलाफ पुरानी बस्ती थाने में दर्ज सूदखोरी, एक्सटार्सन तथा अर्म्स एक्ट के प्रकरण में हुई है। पुरानी बस्ती सीएसपी राजेश देवांगन के अनुसार रोहित की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीम गठित की गई है। रोहित के छिपने के संभावित ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि अब तक की पूछताछ में वीरेंद्र ने पैसों की उगाही और रकम की सही जानकारी नहीं दिया है।

वीरेंद्र तोमर पूछताछ में पुलिस को कोई विशेष मदद नहीं कर रहा। वीरेंद्र से रोहित के बारे में जानकारी जुटाने पुलिस ने पूछताछ की, तो उसने पुलिस को केवल इतनी ही जानकारी दी है कि दो माह से उसका उसके भाई के साथ किसी तरह से संपर्क नहीं हो पाया है। इस कारण उसने रोहित के बारे में पुलिस को कोई भी जानकारी दे पाने की बात से इनकार किया। सूदखोरी से अर्जित संपत्ति को विरेद्र अपनी मेहनत की कमाई साबित करने पुलिस के सामने कई मनढ़ंत स्टोरी बता रहा है।

अंडा ठेला, ऑटो, फल कारोबार बना सूदखोरी का माध्यम
वीरेंद्र तोमर से पूछताछ में जो बातें सामने आई हैं, उसके मुताबिक दोनों भाई टिकरपारा थाना क्षेत्र के पुजारी नगर में किराए के मकान में रहते थे। किराए पर रहते हुए दोनों भाई अंडा ठेला लगाकर जीवन यापन करते थे। इसके बाद दोनों भाइयों ने किराए पर ऑटो लेकर ऑटो चलाया। इसके बाद खुद का ऑटो खरीदा। ऑटो चलाने के बाद दोनों भाई फल का कारोबार करने लगे। फल कारोबार से प्राप्त आय से दोनों भाई ब्याज के धंधे में उतरे।

संपत्ति कब्जा करने की बात से कर रहा इनकार
घर में मिले कोरे स्टांप पेपर, प्रापर्टी के दस्तावेज जबरन हथियाए जाने की बात को विरेंद्र ने अब तक कबूल नहीं किया है। उसने पुलिस को उक्त प्रापर्टी अलग-अलग लोगों से खरीदी करने तथा सौदा होने की बात कह कर पुलिस को गुमराह करने प्रयास कर रहा है। उल्लेखनीय है कि सूदखोर तोमर भाई मूलधन सहित ब्याज की रकम लेने के बाद भी लोगों से अवैध रूप से उगाही करते थे। रकम देने में असमर्थ लोगों की प्रापर्टी के पेपर दबाव डालकर अपने कब्जे में ले लेते थे।

विधायक बनने भाई, भतीजा को आगे करने लगा
वीरेंद्र तोमर विधायक बनने अलग-अलग राजनीतिक दलों के संपर्क में था। इसीलिए वह करणी सेना की आड़ में धार्मिक आयोजन करने के साथ कई अन्य तरह के कार्यक्रम करता था। चुनाव लड़ने किसी तरह से परेशानी न हो, इसके लिए वीरेंद्र ने पिछले चार-पांच वर्षों से सूदखोरी के धंधे से खुद को अलग कर लिया था। सूदखोरी के कारोबार में मदद करने उसने अपने भतीजा को तैयार कर रोहित के साथ लगा दिया था।

जयदीप से 18 के बदले वसूले थे 54 लाख
खम्हारडीह निवासी जयदीप बैनर्जी ने वीरेंद्र तथा रोहित तोमर के खिलाफ पुरानी बस्ती थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दर्ज शिकायत के अनुसार जयदीप ने वर्ष 2021 में जरूरत पड़ने पर वीरेंद्र तोमर से संपर्क कर 18 लाख रुपए ब्याज में लिया था। इसके वह विरेंद्र तथा उसके भाई को 54 लाख रुपए दे चुका है। बावजूद इसके दोनों भाई मूलधन बाकी होने की बात कह कर जयदीप पर ब्याज के साथ मूलधन की रकम देने दबाव बना रहे थे।

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