मंत्री केदार कश्यप के कार्यालय में तोड़फोड़: बीजेपी नेता बोले- यह उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने की साजिश

कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा मंत्री केदार कश्यप के कार्यालय में तोड़फोड़ करने पर बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष अरूण सिंह भदौरिया ने कहा कि, यह उन्हें बदनाम करने की साजिश।

Updated On 2025-09-08 20:24:00 IST

मंत्री केदार कश्यप और बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष अरूण सिंह भदौरिया

लीलाधर राठी- सुकमा। वन मंत्री केदार कश्यप पर सरकारी गेस्ट हाउस के कर्मचारी ने मारपीट का आरोप लगाकर कांग्रेस ने उनके कार्यालय का घेराव कर जमकर तोड़फोड़ की। इस घटना को लेकर बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष अरूण सिंह भदौरिया ने कहा कि, जगदलपुर सर्किट हाउस में कथित मारपीट की घटना को लेकर विधवा विलाप कर रही कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा नही रहा गया है। कश्यप परिवार को बदनाम करने की दीपक बैज की साजिश कभी सफल नहीं होगी। बस्तर सहित संपूर्ण छत्तीसगढ़ में भाजपा के विकास कार्यो को कांग्रेसी पचा नही पा रहे हैं।

सांसद प्रतिनिधि अरूण सिंह भदौरिया ने आगे कहा कि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की आदिवासी विरोधी मानसिकता एक बार फिर बेनकाब हो गई है। वन मंत्री केदार कश्यप पर सर्किट हाउस के एक कर्मचारी से मारपीट का जो आरोप लगाया गया है, वह न केवल बेबुनियाद है. बल्कि, कांग्रेस के नेताओं का हताशा और राजनीतिक दिवालियापन का प्रमाण भी है। श्री भदौरिया ने आगे कहा कि यह वही कांग्रेस है जिसने पहले आदिवासी सीएम विष्णुदेव साय का आपत्तिजनक कार्टून बनाया, फिर उनके चेहरे पर कवर्धा में गोबर फेंकवाया और अब एक और आदिवासी नेता को निशाना बना रही है। पूर्व सांसद दीपक बैज व उनके कांग्रेस का यह सिलसिला बताता है कि कांग्रेस को आदिवासी नेतृत्व से चिढ़ है, और वह हर बार उन्हें अपमानित करने का षड्यंत्र रचती है।

कांग्रेस के पास मुद्दों का अकाल
श्री भदौरिया ने कहा कि वन मंत्री केदार कश्यप के चरित्र और सेवाभाव से बस्तर ही नहीं पूरा छत्तीसगढ़ वाकिफ है। मंत्री केदार कश्यप के संपूर्ण परिवार का दशकों का सार्वजनिक जीवन, उनकी विनम्रता और सज्जनता की गवाही देता है। वे एक बड़े राजनीतिक परिवार से हैं, कई बार मंत्री रह चुके हैं। लेकिन कभी भी उन्होंने अपने व्यवहार में अहंकार नहीं आने दिया। उनके कार्यकर्ता उन्हें देवतुल्य मानते हैं और वे भी हर वर्ग के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करते हैं।जगदलपुर सर्किट हाउस की घटना को कांग्रेस ने जिस तरह तूल दिया, वह साफ दर्शाता है कि मुद्दाविहिन हो चुकी कांग्रेस मुद्दों के गंभीर अकाल से जूझ रही कांग्रेस अब झूठे वीडियो और जबरन बयान दिलवाकर प्रदेश का ध्यान भटकाना चाहती है। सर्किट हाउस के सामने कर्मचारी पांडे का वीडियो में साफ दिखता है कि उससे जबरन बयान दिलवाया जा रहा है।

आदिवासी नेताओं को अपमानित करना कांग्रेस का इतिहास
उन्होंने आगे कहा कि, जहां भाजपा के नेता सेवा और संयम की मिसाल हैं, वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता अकसर बदजुबानी, धौंस और हिंसा के लिए कुख्यात रहे हैं। कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वह आदिवासी नेताओं को अपमानित करती है। उन्हें हाशिए पर धकेलती है और जब वे जनप्रिय हो जाते हैं, तो उनके खिलाफ झूठे आरोप गढ़ती है। यदि कांग्रेस द्वारा फैलाए गए इस भ्रामक प्रचार की कानूनी पड़ताल की जाए कांग्रेसी एकबार पुनः बेनकाब हो जाएंगी। कांग्रेस की इस तरह की साजिसों के कारण ही बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी क्षेत्रों से चुनावों में सूपड़ा साफ हो रहा है इसकी खीझ में कांग्रेस लगातार आदिवासी समाज को अपमानित कर रही है।

साजिश रच करके बदनाम करने की नाकाम कोशिश
श्री भदौरिया ने आगे कहा कि मंत्री केदार कश्यप ने पूर्व के 15 वर्ष और वर्तमान के 20 माह में बस्तर के प्रत्येक क्षेत्रों मे पहुंच कर हर एक वर्ग के सुख दुख में शामिल हुए है। उनके द्वारा किये गये विकास कार्यो को देख किसी न किसी तरह की साजिश रच बदनाम करने की नाकाम कोशिश की जा रही है जिसका जवाब बहुत जल्द मिल जायेगा।

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