एक और खरीदी घोटाला: 50 हजार की रोटी मेकर मशीन 8 लाख में खरीदी, जाँच के आदेश

आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग पर एक बार फिर खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। मामला रोटी मेकर मशीन से जुड़ा है।

Updated On 2025-09-19 09:35:00 IST

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रायपुर। आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग पर एक बार फिर खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। मामला रोटी मेकर मशीन से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि जिस मशीन की बाजार में वास्तविक कीमत 50 से 60 हजार रुपये है, वही विभाग ने करीब 7 लाख 95 हजार रुपये में खरीदी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने विभागीय प्रमुख सचिव से 7 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

आदेश में लिखा है कि, सोशल मीडिया में विभाग द्वारा बाजार दर से काफी अधिक लागत में सामग्री क्रय किये जाने के संबंध में लगातार शिकायत आ रही है। इसी तारतम्य में कलेक्टर, रायपुर (आदिवासी विकास) द्वारा प्रयास संस्था में अधिक दरों पर रोटी मेकर मशीन खरीदी की शिकायत भी संलग्न है। उन्होंने लिखा है कि इस संबंध में ज्ञात हुआ है कि प्रयास संस्था के अंतर्गत रोटी मेकिंग मशीन, कम्प्यूटर, कम्प्यूटर टेबल, कुर्सी एवं अन्य उपकरण क्रय किया गया है।

शराब घोटाले में EOW ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी निरंजन दास को किया गिरफ्तार
वहीं इधर, 18 सितंबर छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में EOW ने पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास को गिरफ्तार किया है। कांग्रेस सरकार में निरंजन दास आबकारी आयुक्त की हैसियत से काम कर रहे थे। EOW ने दर्ज अपराध क्रमांक-04/2024, धारा-7,12 भ्र.नि.अधि. 1988 यथा संशोधित अधिनियम 2018 एवं 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि के तहत केस दर्ज करवाई है। निरंजन दास पर यह आरोप है कि, विभाग प्रमुख के तौर पर उन्होंने विभाग में सक्रिय सिंडीकेट का सहयोग करते हुए, शासकीय शराब दुकानों में अन एकाउंटेंड शराब की बिक्री, अधिकारियों के ट्रान्सफर, टेण्डर प्रक्रिया में हेरफेर, दोषपूर्ण शराब नीति लाये जाने में सहयोग तथा अन्य तरीकों से सिंडीकेट को लाभ पहुंचाते हुए उसके एवज में करोड़ों का असम्यक लाभ प्राप्त किया है।

इन पर है घोटाले का आरोप
जांच एजेंसियों के अनुसार, निरंजन दास ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा (सिंडिकेट के कथित संरक्षक), अरुणपति त्रिपाठी (तत्कालीन विशेष सचिव आबकारी), अनवर ढेबर (व्यवसायी, रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई), और अन्य के साथ मिलकर सिंडिकेट चलाया। इस सिंडिकेट ने आबकारी विभाग की मिलीभगत से राज्य को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया। इसमें सरकारी शराब दुकानों में कमीशन तय करना, डिस्टिलरियों से अतिरिक्त शराब बनवाना, विदेशी ब्रांड की अवैध सप्लाई पर वसूली, और डुप्लीकेट होलोग्राम (सुरक्षा फीचर) का इस्तेमाल कर अनियमित शराब बेचना शामिल था।

नोएडा की कंपनी को टेंडर देने में थी निरंजन दास की भूमिका
जांच एजेंसियों ने अपनी चार्जशीट में पहले भी यह बताया है कि नोएडा की कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स (विधु गुप्ता की) को टेंडर देने में निरंजन दास की भूमिका थी। यह कंपनी योग्य नहीं थी, लेकिन निरंजन दास, त्रिपाठी और टुटेजा ने टेंडर शर्तें बदलकर इसे अवैध रूप से आवंटित किया। इससे डुप्लीकेट होलोग्राम बनाए गए, जो अवैध शराब की बिक्री को वैध दिखाने के लिए इस्तेमाल हुए। प्रत्येक होलोग्राम पर 8 पैसे का कमीशन लिया गया, जिससे 1200 करोड़ का नुकसान हुआ।

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