धान खरीदी महापर्व 2025: पहले से बेहतर और सुविधाजनक व्यवस्था, किसानों की मेहनत को मिला भरोसेमंद मूल्य और सुरक्षा
धान खरीदी महापर्व 2025 में छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने बेहतर मूल्य, डिजिटल सुविधा और पारदर्शी व्यवस्था के जरिए किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
अन्नदाताओं की मेहनत को मिला पूरा मान: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
रायपुर। छत्तीसगढ़ की कृषि व्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण आधार धान खरीदी महापर्व एक बार फिर किसानों के लिए राहत और भरोसे का माध्यम बनकर सामने आया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने धान खरीदी महापर्व 2025 को पहले की तुलना में अधिक सुव्यवस्थित, पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने की दिशा में ठोस और प्रभावी कदम उठाए हैं।
धान खरीदी महापर्व: किसानों की मेहनत का सम्मान
धान खरीदी महापर्व केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत का उचित प्रतिफल सुनिश्चित करने वाला अभियान है। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देना, बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाना और देश की खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करना है। इसी सोच के साथ राज्य सरकार हर वर्ष MSP पर धान की खरीदी कर रही है।
MSP प्रणाली और छत्तीसगढ़ की भूमिका
भारत में धान खरीदी की शुरुआत 1960-70 के दशक में हुई थी। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से ही यहां धान खरीदी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। धीरे-धीरे यह प्रक्रिया 'धान खरीदी महापर्व' के रूप में स्थापित हुई, जो आज प्रदेश की पहचान बन चुकी है।
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26: तिथि और समर्थन मूल्य
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 15 नवंबर 2025 से शुरू की गई है, जो 31 जनवरी 2026 तक चलेगी। इस वर्ष किसानों को ₹3,100 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार का MSP और राज्य सरकार की अतिरिक्त सहायता राशि शामिल है। यह निर्णय बढ़ती लागत से जूझ रहे किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।
2,739 खरीदी केंद्र और 'तुहर टोकन' व्यवस्था
धान खरीदी महापर्व 2025 को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए प्रदेशभर में 2,739 धान खरीदी केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही 'तुहर टोकन' डिजिटल प्रणाली लागू की गई है, जिससे किसान पहले से ऑनलाइन टोकन लेकर तय तारीख पर केंद्र पहुंच रहे हैं। इससे भीड़, अव्यवस्था और लंबे इंतजार जैसी समस्याओं में उल्लेखनीय कमी आई है।
आंकड़ों में धान खरीदी महापर्व 2025
सरकारी आंकड़ों के अनुसार-
- 27.40 लाख किसान पंजीकृत
- 34.39 लाख हेक्टेयर में धान की खेती
- 87 लाख टन से अधिक धान की खरीदी (दिसंबर 2025 तक)
- ₹7,700 करोड़ से अधिक की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भुगतान
- यह सीधे खाते में भुगतान प्रणाली किसानों के लिए पारदर्शिता और भरोसे की मजबूत मिसाल बनी है।
BJP सरकार और सीएम विष्णुदेव साय की निर्णायक भूमिका
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में BJP सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसानों को समय पर भुगतान, डिजिटल सुविधा और पारदर्शी व्यवस्था उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अवैध धान परिवहन और बाहरी राज्यों से धान की आवक रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में सख्त निगरानी और चेक-पोस्ट की व्यवस्था की गई है।
चुनौतियों के बावजूद व्यवस्था में सुधार
हालांकि कुछ क्षेत्रों में तकनीकी और मानव संसाधन संबंधी शिकायतें सामने आई हैं, लेकिन यह भी सत्य है कि धान खरीदी महापर्व 2025 की व्यवस्था पिछले वर्षों की तुलना में अधिक संगठित, आधुनिक और किसान-अनुकूल रही है।
किसानों के भरोसे की मजबूत नींव
कुल मिलाकर, धान खरीदी महापर्व 2025 छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा का मजबूत आधार बनकर उभरा है। बेहतर मूल्य, डिजिटल टोकन प्रणाली और समय पर भुगतान ने किसानों का भरोसा और मजबूत किया है। आने वाले वर्षों में यह महापर्व राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।