बोरसी स्कूल में तंत्र-मंत्र कर कोयल की बलि: पालकों ने बच्चों को स्कूल भेजने से किया इंकार
बोरसी शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में तंत्र-मंत्र करने के बाद कोयल की बलि देने की वजह से विद्यार्थियों व पालकों में दहशत का माहौल है।
बोरसी स्कूल में तंत्र-मंत्र कर कोयल की बलि
भिलाई। बोरसी शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में तंत्र-मंत्र करने के बाद कोयल की बलि देने की वजह से विद्यार्थियों व पालकों में दहशत का माहौल है। गुरुवार को जब स्कूल खुला तो वहां कोयल को मारकर किसी ने फेंक दिया था। पास ही नींबू और सिंदूर भी मिला। जिसे देखकर विद्यार्थी दहशत में आ गए। प्राचार्य कार्यालय के सामने यह तंत्र क्रिया की गई थी। प्रिसिंपल ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राजेश्वरी चंद्राकर को इसकी सूचना दी।
उन्होंने वहां मृत पड़े कोयल और नींबू- सिंदूर की सफाई करवाई। उसके बाद भी विद्यार्थी इतने भयभीत थे कि वे क्लास में जाने तैयार नहीं थे। तभी वहां के एक शिक्षक ने विद्यार्थियों में अंधविश्वास की भावना दूर करने खुद ही अगरबत्ती जलाई और पूजा अर्चना की। हालांकि यह चर्चा है कि शिक्षक ने किसी बैगा को बुलवाया और उसने कपूर, अगरबत्ती आदि क्रिया कर इस बलि का काट होना बताया और उसके लिए स्कूल से पैसे का भी भुगतान किया गया। उसके बाद विद्यार्थी क्लास में गए और पढ़ाई शुरू हो पाई।
शरारती तत्वों का काम, पुलिस कर रही जांच
शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक शरारती तत्वों का यह काम है। अनावश्यक माहौल खराब करने की कोशिश है। आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है, ताकि शरारती तत्वों के बारे में जानकारी मिल सके। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में कुछ संदिग्ध लोगों को देखा जा रहा है, जो रात के अंधेरे में आते हैं। शाम को भी उनका जमावड़ा बना रहता है। घटना के बाद से वे नजर नहीं आए हैं। बहरहाल मामले में जांच जारी है।
पालकों की सूचना पर पुलिस पहुंची विद्यार्थियों के पालकों को भी
इसकी सूचना पहुंची तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। पद्मनाभपुर पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने अपने स्तर पर इस मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस कृत्य के पीछे किसका हाथ है और उसका मकसद क्या था।
अंधविश्वास फैलाने की कोशिश
दुर्ग ब्लॉक के बीईओ राजेश्वरी चंद्राकर ने बताया कि, ऐसा कृत्य करना शरारती तत्वों द्वारा अंधविश्वास फैलाने की कोशिश है। उनका उद्देश्य बच्चों और शिक्षकों को डराने का है, ताकि वे स्कूल न आए। बच्चे डरे हुए थे इसलिए वहां शिक्षक ने खुद ही अगरबत्ती जलाकर पूजा अर्चना की। किसी भी बैगा को वहां नहीं बुलाया गया था और न ही कोई भुगतान किया गया है।