आईबी ग्रुप के फिश फीड प्लांट का शिलान्यास: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया राष्ट्र को समर्पित
'विकसित भारत' के निर्माण में आईबी ग्रुप का ऐतिहासिक कदम, 6000 से अधिक किसान और व्यापारी कार्यक्रम में हुए शामिल।
एबिस फिश फीड प्लांट का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया शिलान्यास
सचिन अग्रहरि- राजनांदगांव- अमेठी। भारत में फिशरी सेक्टर को नई मजबूती प्रदान करते हुए देश की सबसे बड़ी प्रोटीन उत्पादक कंपनी, एबीस फूड्स एंड प्रोटींस प्राइवेट लिमिटेड (आईबी ग्रुप), के जगदीशपुर स्थित एबीस फिश फीड प्लांट का शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिलान्यास किया।
'प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना' के तहत आयोजित इस भव्य समारोह में देश भर से 6000 से अधिक मत्स्य पालक व व्यापारी शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के मत्स्य किसानों से संवाद करते हुए उन्हें आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित कियासाथ ही प्रोटीन की ज़रूरत को महत्व देते हुए अपने भोजन में प्रोटीन पोषण को जोड़ने की बात कही ताकि युवा पीढ़ीऔर सभी लोगों को आवश्यक पोषण मिल सके।
बहादुर अली ने पीएम मोदी और यूपी के सीएम का जताया आभार
इस अवसर पर आईबी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर बहादुर अली ने प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करते हुए कहा, यह प्लांट प्रदेश सरकार के सहयोग के बिना संभव नहीं था, जिनकी नीतियों ने राज्य में मछली उत्पादन को इतना बढ़ाया कि हमें यहां प्लांट लगाना पड़ा। यह प्लांट हमारे किसान भाइयों के विकास के लिए है। हम उन्हें न केवल विश्वस्तरीय फीड, बल्कि अपना तकनीकी सहयोग भी प्रदान करेंगे। आईबी ग्रुप प्रधानमंत्री जी के 'विकसित भारत 2047' के विज़न को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास करने हेतु प्रतिबद्ध है।
600 टन फिश फीड का होगा प्रतिदिन उत्पादन
यह अत्याधुनिक उत्पादन इकाई 600 टन प्रति दिन (TPD) की क्षमता से सुसज्जित है और उत्तर भारत में मछली आहार की मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कार्यक्रम में भारत सरकार के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहानके साथ श्री राजीव रंजन सिंह, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री-भारत सरकार, श्रीभागीरथी चौधरी, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री-भारत सरकार भी उपस्थित थे।एबीस फिश फीड की ओर से फिश फीड बिज़नेस हेड डॉ.मोहम्मद आसिफ कुरैशी एवं कंपनी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे। यह ऐतिहासिक कदम आने वाले समय में फिश फीड उत्पादन, रोजगार सृजन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा प्रदान करेगा।