गुरु तेग बहादुर का शहादत दिवस: रायगढ़ गुरुद्वारा साहिब में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित, RSS के पदाधिकारी भी हुए शामिल
रायगढ़ में गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्ष पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया, बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने उनके अमर बलिदान को नमन किया।
गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्ष पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम
रायगढ़। सिखों के नवें गुरु, धर्म के प्रहरी और ‘हिंद की चादर’ के रूप में विख्यात गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्ष के अवसर पर मंगलवार को रायगढ़ स्थित गुरुद्वारा साहिब में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी और समाजसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और गुरु साहिब के चरणों में मत्था टेककर उनके अमर त्याग को स्मरण किया।
संघ पदाधिकारियों की विशेष उपस्थिति
कार्यक्रम में सह क्षेत्र प्रचारक प्रेमशंकर सिदार (मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़), विभाग प्रचारक डॉ. राजकुमार भारद्वाज, विभाग संघचालक विजय शंकर पटनायक, जिला संघचालक डॉ. प्रकाश मिश्रा, संपर्क प्रमुख चक्रधर पटेल, सद्भाव प्रमुख पवन चौहान तथा अन्य स्वयंसेवक विशेष रूप से पहुंचे। सभी ने गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेककर गुरु जी के उपदेशों- सत्य, साहस और मानवता को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
बलिदान और मानवता के सर्वोच्च प्रतीक गुरुदेव
सभा में वक्ताओं ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अभूतपूर्व संघर्ष किया। कश्मीरी पंडितों की रक्षा हेतु दिया गया उनका आत्मबलिदान विश्व इतिहास में अद्वितीय उदाहरण है। गुरु साहिब का संदेश 'मानवता, धार्मिक स्वतंत्रता और सत्य के लिए अंतिम सांस तक डटे रहना' आज भी समाज को सही मार्ग दिखाता है।
350वीं शहादत वर्ष पर दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
उपस्थित लोगों ने कहा कि, गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान आने वाली पीढ़ियों को नैतिकता, त्याग, सहिष्णुता और धर्मनिष्ठा का अमर संदेश देता है। इस वर्ष उनकी शहादत के 350 वर्ष पूर्ण होने पर यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम पूरे समाज के लिए प्रेरक बन गया।