शराब के खिलाफ महिलाओं का मोर्चा: लाठी-डंडों के साथ उतरीं सड़क पर, बोलीं- ना बनाएं, ना बेचें, ना पीएं
पेंड्रा जिले के नाका गांव में सौ से अधिक महिलाएं शराबबंदी के लिए सड़कों पर उतरीं। गांव को शराब मुक्त बनाने के लिए मुहिम को पूरी ताकत से आगे बढ़ाएंगी।
लाठी-डंडों लेकर खड़ी हुईं महिलाएं
आकाश पवार- पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के मरवाही थाना क्षेत्र अंतर्गत नाका गांव में महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर एक बड़ा आंदोलन शुरू किया है। सौ से अधिक महिलाएं हाथों में लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर उतरीं और शराब पीने व बेचने का कड़ा विरोध किया।
दरअसल, महिलाओं का कहना है कि, शराब के कारण गांव में लड़ाई-झगड़े, पारिवारिक कलह और माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने गांव को शराब मुक्त करने के लिए एकजुट होकर घर-घर जाकर लोगों को शराब के नुकसान से अवगत कराया।
कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई
इस आंदोलन को देखकर अब गांव के पुरुष भी महिलाओं के साथ आ गए हैं। महिलाओं ने कहा कि, वे पूरी ताकत से इस मुहिम को आगे बढ़ाएंगी और अपने परिवार व गांव को शराब के दुष्प्रभावों से बचाएंगी। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब बिक्री की खबरें आम हैं, लेकिन आबकारी विभाग की ओर से अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। नाका गांव की महिलाओं का यह आंदोलन न केवल गांव बल्कि प्रशासन के लिए भी एक बड़ा संदेश है।
पुरुष शराब पीकर गांव में करते हैं हंगामा
वहीं महिलाओं के आंदोलन की सूचना के बाद मरवाही थाना प्रभारी शनिप रात्रे भी मौके पर पहुंचे। महिलाओं के इस कदम को सराहा और थाना प्रभारी द्वारा महिलाओं को आश्वस्त किया गया कि, यदि परिवार या गांव का कोई सदस्य शराब पीकर गांव में हंगामा करता है, तो उसे सुधारने में हरसंभव मदद की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर कार्यवाही भी की जाएगी।