अमरकंटक में कार्तिक पूर्णिमा पर आस्था का सैलाब: मां नर्मदा नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर अमरकंटक में मां नर्मदा तट पर हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान और दीपदान किया।

Updated On 2025-11-05 09:43:00 IST

तट पर पूजा करती हुईं महिलाएं 

आकाश पवार- पेंड्रा। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर मां नर्मदा की उद्गम नगरी अमरकंटक में आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। मां नर्मदा के पवित्र तट पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया।

नर्मदा घाटों पर दीपदान, भजन-कीर्तन और पूजन-अर्चना के साथ पूरे क्षेत्र में धार्मिक उत्साह का माहौल रहा। सुबह से ही नर्मदा मंदिर परिसर और आसपास के घाटों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। नर्मदा उद्गम स्थल पर विशेष पूजा-अर्चना की गई। मंदिरों में घंटियों की गूंज और दीपों की रोशनी से अमरकंटक पूरी तरह भक्तिमय वातावरण में डूब गया।

मंदिरों और मार्गों पर भक्ति और उत्सव का अद्भुत दृश्य
इस अवसर पर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित देश के कई हिस्सों से श्रद्धालु अमरकंटक पहुंचे। कार्तिक पूर्णिमा पर नर्मदा स्नान और दीपदान को अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है, इसी वजह से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। अमरकंटक के घाटों, मंदिरों और मार्गों पर भक्ति और उत्सव का अद्भुत नजारा देखने को मिला, जिसने इस पर्व को और भी विशेष बना दिया। 

नंदी की प्रतिमा की पुर्नस्थापना
वहीं छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के पावन अवसर पर नगरी के ग्राम सांकरा के शंकर चौक में भगवान भोलेनाथ के प्रिय वाहन नंदी महाराज की भव्य प्रतिमा का पुनःस्थापन विधि-विधानपूर्वक से किया गया। मंत्रोच्चार, वैदिक अनुष्ठान और भक्तिमय वातावरण में सम्पन्न इस समारोह में श्रद्धा और उत्साह का अनोखा संगम देखने को मिला। कार्यक्रम में क्षेत्रभर से श्रद्धालु, ग्रामवासी, जनप्रतिनिधि और समाजसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

नंदी महाराज की प्रतिमा बनी आस्था का केंद्र
जानकारी के अनुसार, यह विशाल नंदी प्रतिमा पूर्व में स्वर्गीय महेश सिन्हा द्वारा “नंदी चौक” पर स्थापित कराई गई थी। समय के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा को ध्यान में रखते हुए इसे अब उनके पुत्र हितेश सिन्हा द्वारा पुनः शंकर मंदिर के समीप “शंकर चौक” में स्थापित किया गया है। इस पुनःस्थापना से पूरे क्षेत्र का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व और अधिक बढ़ गया है।

भक्ति और संस्कृति का सुंदर संगम
रात्रिकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में दुर्ग की प्रसिद्ध “राग अनुराग कला मंच” की टीम ने ध मनमोहक प्रस्तुति दी। मंच में छत्तीसगढ़ी गीतों, नृत्य और नाट्य रूपांतरण के माध्यम से कलाकारों द्वारा हजारों की संख्या में उपस्थित ग्रामवासियों का मन मोह लिया।

यह आयोजन हमारी भावनाओं का उत्सव- हितेश महेश सिन्हा
कार्यक्रम के प्रमुख संयोजक एवं आयोजक हितेश महेश सिन्हा ने कहा कि, यह नंदी महाराज की प्रतिमा केवल एक मूर्ति नहीं, बल्कि हमारे श्रद्धा, संस्कार और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। मेरे स्वर्गीय पिता महेश सिन्हा जी का सपना था की सांकरा में एक ऐसा स्थान बने, जहाँ हर व्यक्ति आस्था और शांति का अनुभव करे। आज उनके आशीर्वाद से वह सपना साकार हुआ है। इस आयोजन ने पूरे गांव को एक सूत्र में बाँध दिया है। उन्होंने आगे कहा कि यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक एकता, परंपरा और संस्कृति को जोड़ने का माध्यम है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं, ग्रामीणों और 'रूद्र ग्रुप सांकरा' के सदस्यों का आभार जताया, जिनके सहयोग से यह कार्यक्रम भव्य और ऐतिहासिक रूप से सफल रहा।

सफल आयोजन के पीछे सामूहिक प्रयास
इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में रूद्र ग्रुप सांकरा और ग्रामवासियों की प्रमुख भूमिका रही। ग्रामवासियों ने सामूहिक रूप से श्रमदान कर स्थल की साफ-सफाई, सजावट और स्वागत व्यवस्था में सहयोग किया।

ग्रामवासियों में उमंग और श्रद्धा
ग्रामवासियों ने बताया कि नंदी महाराज की प्रतिमा की पुनःस्थापना से पूरे गांव का वातावरण सकारात्मक और ऊर्जा से भर गया है। इस भव्य आयोजन ने यह संदेश दिया कि जब समाज एकजुट होकर अपनी परंपराओं को सहेजता है, तब संस्कृति जीवित रहती है। नंदी महाराज की यह दिव्य प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों के लिए श्रद्धा, विश्वास और एकता का प्रतीक बनेगी।

Tags:    

Similar News